
रेप के आरोप में दो दिन पहले बाल संप्रेषण गृह में लाए गए अपचारी बालक ने फांसी लगाकर आत्हत्या कर ली है। बालक ने फांसी के फंदे के लिए गमछे का उपयोग किया और बाथरूम में फांसी लगाई। बालक की फंदे में लटकती लाश सोमवार को संप्रेषण गृह में रहने वाले दूसरे बालकों ने देखी और इसकी जानकारी संप्रेषण गृह के अफसरों को दी। घटना के बाद प्रशासनिक अफसरों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जानकारी बोधघाट पुलिस और उच्च अफसरों को दी गई।
मौके पर बोधघाट थाना प्रभारी राजेश मरई, फारेंसिक एक्सपर्ट बी सूरी बाबू और अफसर पहुंचे। जिस बालक ने आत्महत्या की है उसे दो दिनों पहले रेप के एक मामले में संप्रेषण गृह भेजा गया था। बालक कोंडागांव जिले के विश्रामपुरी का रहने वाला था। बाल संप्रेषण गृह के अफसरों ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट या ऐसी सामग्री नहीं मिली है जिससे स्पष्ट हो पाए कि बालक ने फांसी क्यों लगाई है। बोधघाट थाना प्रभारी राजेश मरई ने बताया कि मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।
हर वक्त कहता था- मैंने कुछ नहीं किया है
इधर बालक को जगदलपुर संप्रेषण गृह लाने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। जिसमें 4 अपचारी बालक रह रहे थे। सूत्र बता रहे हैं कि जिस बालक ने आत्महत्या की है वह कहता था कि मुझे फंसा दिया गया है मैंने कुछ नहीं किया। मुझे तो मालूम ही नहीं कि मैंने क्या जुर्म किया है। इधर अफसरों ने बताया कि बालक की कांउसिलिंग नहीं हो पाई। कोरोनाकॉल चल रहा है ऐसे में बालकों को पहले क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाता है। इसके अलावा सामान्य दिनों में भी काउंसिलिंग की शुरुआत तीन से चार दिन में की जाती है।
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