शासन के अलावा स्थानीय पुलिस क्षेत्र में जुआ सट्टा पर सती से कार्रवाई के दावे कर रही है लेकिन गांवों में मुर्गा बाजार की आड़ में लाखों का जुआ खुलेआम खेला जाता है। मुर्गा बाजार में औसतन 400 से 500 लोग जुटते हैं। इसके बावजूद मुर्गा बाजार में लगने वाली भारी भीड़ तथा यहां चलने वाले जुएं पर रोक लगाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। कांकेर-आमाबेड़ा मार्ग पर कांकेर से 25 किमी दूर ग्राम उसेली के मुर्गा बाजार में भारी भीड़ उमड़ती है। कोरोना संक्रमण को देखते हर शनिवार को भरने वाला उसेली का साप्ताहिक बाजार बंद करा दिया गया है। साप्ताहिक बाजार बंद हो गया लेकिन मुर्गा बाजार बस्ती से कुछ दूरी पर जंगल के बीच भरने लगा।
दूसरे जिलों से आ रहे लोग
कांकेर, भानुप्रतापपुर, धमतरी, नारायणपुर और दल्लीराजहरा से बड़ी संख्या में लोग यहां मुर्गा लड़ाई में हजारों लाखों के दांव लगाते हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उसेली के आसपास के गांव आमाबेड़ा, अंतागढ़, कोयलीबेड़ा, धनोरा, ईरागांव, नागरबेड़ा आदि में वहां के ग्रामीणों ने जागरूकता का परिचय देते स्वस्फूर्त होकर साप्ताहिक बाजारों को बंद कराया है तथा वहां मुर्गा बाजार भी नहीं लग रहा है।
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