कोरोना पॉजिटिव युवक की मौत के बाद चौथे दिन मंगलवार को युवक का अंतिम संस्कार अंतत: मुक्तिधाम के पास किया गया। शाम को अफसरों की टीम मुक्तिधाम पहुंची और यहां पूरी सुरक्षा के साथ नियमों का पालन करते हुए शव को दफन किया गया। युवक के अंतिम संस्कार में उसके परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ।
परिजन ने लिखित में एक अनुमति प्रशासन को दी जिसमें कहा गया है कि परिवार के सदस्य युवक के ही श्राद्ध के अन्य काम में लगे हुए हैं जिसकी वजह से वे दफन क्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके बाद जिला प्रशासन, निगम, रेडक्रॉस, पुलिस विभाग के अफसरों की टीम ने युवक के शव को दफन किया। युवक को दफन करने के लिए जेसीबी से 7 फीट से ज्यादा गहरा गड्ढा किया गया और शव को दफनानया गया। इसके बाद पूरे इलाके को सैनिटाइज किया गया। जो लोग इस प्रक्रिया में शामिल थे सभी पीपीई किट से लैस थे।
चौथे दिन भी अफसरों की लापरवाही, जाटम गांव में शव को लेकर पहुंचे तो हुआ विरोध
इधर चौथे दिन भी इस मामले में प्रशासिनक अफसरों की लापरवाही सामने आई और कोरोना पॉजिटिव युवक की लाश को लेकर अफसर यहां वहां घूमते रहे। मंगलवार को अफसरों ने पहले शहर सीमा से सटे जाटम के पास एक जमीन को चिन्हांकित कर युवक के शव को दफन करने की प्लानिंग की लेकिन यहां भी अफसरों की लापरवाही सामने आई और जैसे ही युवक की लाश को यहां लाया गया तो स्थानीय ग्रामीणों ने शव दफन करने का विरोध कर दिया। यहां के ग्रामीण कोरोना पॉजिटिव युवक की लाश को अपने इलाके में दफन करने को तैयार नहीं थे। अफसरों ने यहां लाश को लाने से पहले स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को भरोसे में ही नहीं लिया था। ऐसे में जैसे ही शव को यहां लाया गया तो विरोध शुरू हो गया। इसके बाद अफसरों ने आनन-फानन में शव को मुक्तिधाम में दफन करने का निर्णय लिया।
4 दिन पहले युवक की मेकॉज में हुई थी मौत
युवक बस्तर के खोटलापाल का रहने वाला था और बीमार होने पर लोहांडीगुड़ा के सीएससी पहुंचा था। युवक को शुक्रवार की रात में मेकॉज में भर्ती किया गया था और उसने शनिवार सुबह दम तोड़ दिया था। युवक की मौत के मामले में भी मेकॉज प्रबंधन पर आरोप लगा है कि वह रातभर तड़पता रहा पर कोई नहीं पहुंचा।
इधर मुस्लिम समाज ने कब्रस्तान में दी जगह
इधर मुस्लिम समाज ने पहल करते हुए कब्रस्तान में एक स्थान को कोरोना से होने वाली मौत के बाद दफन करने चयनित कर दिया है। इस जगह फेंसिंग भी करवाई जा रही है। ऐसी जगह का चयन किया गया है जहां तक सीधे एंबुलेस पहुंच सके। दफन करने से पहले अन्य क्रियाओं को पूरा करने भी स्थानों का चयन कर लिया गया है।
युवाओं की टीम भी तैयार, कहा- प्रशासन जब चाहे अंतिम संस्कार के लिए ले सकती है मदद
इधर चार दिनों तक युवक की लाश मरच्यूरी में पड़े रहने और अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिलने की खबरों के बीच शहर के युवाओं की एक टीम अब इस काम में सहयोग के लिए सामने आ गई है। सामाजिक कार्यकर्ता अलेक्जेंडर चेरियन ने बताया कि अभी हम और हमारे साथ जुड़े लोग पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में प्रशासन की मदद को तैयार हैं। टीम में अलग-अलग धर्म और समाज के लोग शामिल हैं जो लोगों को जागरूक करने और मृतक के अंतिम संस्कार को रीति रिवाज से पूरा करने में मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि अभी टीम में प्रशांत जैन, शेख ताहिर, शैलेंद्र अरोरा, इमरान नेवी, सुभाष रत्नपाल, ऋषि भटनागर शामिल हैं। इसके अलावा भी जो लोग इस काम में सहयोग करना चाहते हैं वे जुड़ सकते हैं।
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