आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन ने मांगों को लेकर धरना दिया और केंद्र व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। उपरांत तहसीलदार कुलदीप सिंह को मांगपत्र दिया गया।
यूनियन अध्यक्ष रीमा रानी ने बताया कि 2 अक्टूबर 1975 को केंद्र सरकार ने आईसीडीएस स्कीम तहत पूरे देश में आंगनबाड़ी सेंटरों की शुरुआत की थी और आंगनबाड़ी मुलाजिम पिछले 45 वर्षों से आईसीडीएस स्कीम अधीन 3 से 6 वर्ष के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा दे रहीं हैं। इसके लिए विभाग की तरफ से कोर्स करवाया जा रहा है और समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाया जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से सितंबर 2017 में कैबिनेट में फैसला करके आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल कर लिए और वर्करों द्वारा संघर्ष करने के बाद वह बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में ही रहने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि अब सितंबर में सरकार ने प्री-प्राईमरी अध्यापक भर्ती करने का फैसला किया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि वह लंबे समय से प्री-स्कूल शिक्षा दे रही हैं। इस लिए नर्सरी अध्यापक का दर्जा आंगनबाड़ी वर्करों को दिया जाए। इस मौके पर हरपाल कौर, मलकीत कौर, परमजीत कौर, सुरिंदर कौर, सुशील शर्मा, करना कौशल व अन्य वर्कर उपस्थित थे।
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