राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राजभवन में अफसरों की क्लास लेते अनुसूचित इलाकों में कानूनों के उल्लंघन को लेकर नाराजगी जाहिर की। साथ ही अफसरों को अपनी गलती सुधारते नरहरपुर नगर पंचायत को वापस ग्राम पंचायत बनाने कार्रवाई करने कहा। इसकी खबर जैसे ही राजभवन से बाहर आई नरहरपुर से कांकेर तक इस मुद्दे को लेकर सियासी हलचल शुरू हो गई। नगरवासी भी इसे लेकर सकते में हैं। हालांकि अबतक इससे संबंधित कोई आदेश जिला कार्यालय या नरहरपुर नगर पंचायत अधिकारी के पास नहीं पहुंचा है।
भास्कर ने जब इस संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला नगर के कुछ लोगों ने 10 माह पूर्व रोजगार गारंटी का कार्य नहीं मिलने का हवाला देते नरहरपुर को वापस ग्राम पंचायत बनाने की मांग की थी। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मंगलवार को अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें अनुसूचित इलाकों में कानूनों को ताक में रख किए जा रहे कार्यों को लेकर चर्चा की गई। पहले तो इसमें मारवाही को नगर पंचायत बनाने प्रक्रिया पर चर्चा हुई। इसी कड़ी में चर्चा प्रदेश के चार नगर पंचायतों में एक कांकेर जिले के नरहरपुर नगर पंचायत पर भी हुई। इसमें भी नरहरपुर को नगर पंचायत से ग्राम पंचायत बनाने कहते राज्यपाल ने इसके लिए एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई कर अधिकारियों को रिपोर्ट देने कहा है। इस संबंध में राज्यपाल का कहना था नगरी प्रशासन विभाग ने राजभवन से मिले पूर्व सुझाव का पालन नहीं किया।
इस संबंध में राजभवन का तर्क है अनुसूचित क्षेत्रों में 1996 से पेसा कानून लागू है। इसमें ग्रामसभा को विशेष अधिकार मिले हुए हैं। ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने से वहां के लोग इससे वंचित हो जाते हैं। संसद द्वारा अबतक नगर पंचायत क्षेत्र के लिए पेसा कानून पारित नहीं किया गया है।
2010 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था
नरहरपुर को दिसंबर 2010 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। 9 साल बाद नवंबर 2019 में नगरवासी सुलोचना नेताम, हिरेश्वर नेताम, सियाराम, कुंती कुंजाम, जगदीश ध्रुव ने नरहरपुर को नगर पंचायत से वापस ग्राम पंचायत बनाने की मांग की। नगर पंचायत होने के कारण नगर के लोगों को रोजगार गारंटी का कार्य नहीं मिल रहा है।
परिषद में हस्ताक्षर अभियान चलाने प्रस्ताव हुआ पारित
नगरवासियों की मांग के बाद मामला नगर पंचायत पहुंचा था। इसे लेकर 25 नंवबर 2019 को नगर पंचायत परिषद की बैठक रखी गई। इसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था कि इसके लिए नगर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाए। जिसके भी पक्ष में नगरवासी सहमत होंगे उसके अनुसार प्रकरण परिषद में लाकर कार्रवाई की जाएगी। बैठक के बाद आजतक इस मुद्दे को लेकर हस्ताक्षर अभियान नहीं चलाया गया।
अब तक नहीं आया कोई आदेश: नगर पंचायत सीएमओ श्यामलाल पाडेल ने कहा अबतक नगर पंचायत को ग्राम पंचायत बनाने के संबंध में ऊपर से कोई आदेश नहीं मिला है। निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
5 हजार की जनसंख्या होने पर मिलता है नगर का दर्जा
5 हजार की जनसंख्या होने पर ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाता है। वर्तमान में नरहरपुर की जनसंख्या 7500 से अधिक है। यह जनसंख्या 20 हजार से अधिक होने पर नगर पंचायत नगर पालिका में तब्दील हो जाती है। अनुसूचित क्षेत्रों में राज्यपाल की अनुमति के बिना कार्रवाई करने से संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होता है।
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