आखिरकार सिंचाई के लिए खरखरा डैम का गेट खुल गया है। एक दिन पहले पानी छोड़ने कलेक्टर जनमेजय महोबे ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए थे। किसानों की मांग के बाद गेट खोलने में देरी होने पर शुक्रवार को संसदीय सचिव व गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद खुद डैम पहुंचे और अफसरों से चर्चा की। अफसरों ने बताया कि न्यूनतम 10 दिनों तक गेट खुला रहेगा। 600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
सिंचाई विभाग के एसडीओ एचएल कुरैशिया ने बताया कि 18 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित होता है। आगे के लिए पेयजल व निस्तारी के लिए पानी स्टोरेज रखना है। इसलिए 10 दिनों के लिए गेट खुला रहेगा। फिलहाल गुंडरदेही एवं डौंडीलोहारा ब्लॉक के लगभग 8 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। इस दौरान अच्छी बारिश होती है तो गेट बंद भी कर सकते हैं। संसदीय सचिव के साथ जनपद अध्यक्ष जागृत सोनकर, जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष कोदूराम दिल्लीवार व संतोष निषाद मौजूद थे।
मांग के बाद एलबीसी और आरबीसी गेट से छोड़ा पानी
सिंचाई के लिए खरखरा जलाशय के एलबीसी एवं आरबीसी नहर गेट को खोला गया है। पिछले दो सप्ताह से बारिश न होने पर किसान सिंचाई के लिए पानी की मांग कर रहे थे। संसदीय सचिव श्री निषाद डैम पहुंचकर गेट खोलें। उनके साथ खरखरा मोहदीपाट नहर परियोजना क्रमांक 2 के अनुविभागीय अधिकारी मौजूद थे। जिला कांग्रेस के अध्यक्ष व जिपं सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर ने जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे तथा कलेक्टर से खरखरा व मटियामोती से पानी छोड़ने की मांग की थी।
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