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Tuesday, August 4, 2020

अयोध्या जाने की मंजूरी के लिए दो दिन चारामा की मंडी में ही रुके थे कारसेवक

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमिपूजन होना है। वर्ष 1992 में राम मंदिर निर्माण के लिए कार सेवकों का दो जत्था कांकेर से भी रवाना हुआ था। कांकेर शहर से निकला जत्था ट्रेन में सवार होकर भोपाल तक पहुंच चुका था जिन्हें पुलिस ने ट्रेन से उतार दूसरी ट्रेन से पुलिस सुरक्षा में वापस कांकेर थाना पहुंचाया था। चारामा से निकला दूसरा जत्था पूरी तैयारी के साथ चारामा बस स्टैंड पहुंच चुका था जिन्हें चारामा में ही रोक लिया गया।
कांकेर से निकला कार सेवकों का जत्था वरिष्ठ भाजपा नेता बालमुकुंद शर्मा के नेतृत्व में रवाना हुआ था। शर्मा ने बताया कि भाजपा नेता लालकृष्ण लालवानी की रथयात्रा कांकेर पहुंचने के बाद कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह था। तब प्रदेश भाजपा की बैठक में कांकेर की विशेष चर्चा हुई थी क्योंकि कांकेर पहुंची रथयात्रा में सबसे अधिक भीड़ उमड़ी थी। यही कारण है कि कांकेर से कारसेवकों का जत्था उत्साह के साथ अयोध्या के लिए रवाना हुआ था। ट्रेन में सवार होकर भोपाल तक पहुंच चुके थे लेकिन वहां सुरक्षा के इतने कड़े प्रबंध थे कि भोपाल में हमें उतार लिया गया। जत्थे में शामिल भाजपा नेता अशोक वलेचा ने कहा कि तब हम लोगों में इतना जोश था कि सुरक्षाकर्मियों ने हमसे पूछा कहां जा रहे हैं तो हमनें बिना किसी लाग लपेट के बता दिया था कि कार सेवा में अयोध्या जा रहे हैं। इसके बाद स्टेशन में उतारकर दूसरी ट्रेन से पुलिस सुरक्षा के बीच वापस कांकेर लाया गया। सभी को दो दिनों तक कांकेर थाना में रखा गया था जिसके बाद बिना किसी शर्त के छोड़ भी दिया गया। कांकेर से निकले जत्थे में दीपक मुखर्जी, विनोद ठाकुर, जितेंद्र प्रताप देव, मनोज बुधवानी, विजय मोटवानी आदि शामिल थे।

4 दिसंबर 1992 को पूरी तैयारी के साथ पहुंचे बस स्टैंड
दूसरा जत्था चारामा से 4 दिसंबर 1992 को निकलने बस स्टैंड में पूरी तैयारी के साथ पहुंचा था। उस जत्थे में शामिल भाजपा नेता नंदकुमार ओझा ने बताया कि कार सेवा में जाने को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह था। चारामा बस स्टैंड पहुंचते ही वरिष्ठ भाजपा नेताओं से सूचना मिली कि अयोध्या में हालत खराब होते जा रहे हैं इसलिए फिलहाल आगामी सूचना तक जत्था रवाना नहीं किया जाए। ओझा ने कहा कि इसके बाद भी हम लोग वापस घर नहीं गए। मंडी प्रांगण में सब एकत्रित हो गए और दो दिनों तक वहीं इस उम्मीद में डटे रहे कि अयोध्या जाने अनुमति मिलते ही बिना देर किए रवाना हो जाएंगे। इस बीच वे पल-पल की खबर लेते रहे। 6 दिसंबर 1992 को समाचार सुनने को मिला कि बाबरी मस्जिद ढहा दी गई है। इस जत्थे में हेमंत देवांगन, कांशीराम नेवेंद्र, अशोक ठाकुर, चंद्रशेखर सिन्हा आदि 15 लोग थे।

आज दीपोत्सव के साथ होगी आतिशबाजी
हिंदू संगठन से जुड़े विजय जैन ने बताया कि 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन को दीपोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। शाम को 5 बजे पंचमुखी हनुमान मंदिर में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन होगा। इसके बाद आतिशबाजी की जाएगी।



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