
जयपुर में शुक्रवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश में एक युवक की जान चली गई। तेज बारिश में अपने दोस्तों के साथ नाहरगढ़ की पहाड़ी से बहकर आ रहे झरनों में मौज मस्ती करने घर से निकले युवक का शव करीब 30 घंटे बाद शनिवार देर शाम को मिला। सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीम के गोताखोरों ने लगातार मशक्कत कर करीब 10 फीट गहरे पानी में शुक्रवार सुबह डूबे युवक की दिनभर तलाश की।
इसके बाद शनिवार को जेसीबी मशीनों की मदद से उस जगह खुदवाई शुरु की। जहां पानी का बहाव खत्म होने पर मिट्टी का ढेर इकट्ठा हो गया था। यहीं मिट्टी की मोटी परतें हटाने के बाद करीब तीन से चार फीट नीचे मिट्टी में दबा युवक का शव मिला। उसे बाहर निकालकर कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। युवक के शव को तलाशने में सिविल डिफेंस के गोताखोर महेंद्र सेवदा, युनुस खान सहित अन्य गोताखोरों की टीम ने अहम रोल निभाया।
दोस्तों के साथ बारिश में घूमने निकला था, किसी ने नहीं सोचा था जिंदा घर नहीं लौटेगा
पुलिस के मुताबिक 21 वर्षीय मृतक सन्नी यहां पिछले लंबे अरसे से परिवार के साथ भट्टा बस्ती इलाके में स्थित किशनबाग बस्ती में रहता था। शुक्रवार सुबह शुरू हुई बारिश के चलते सन्नी अपने पांच छह दोस्तों के साथ किशनबाग में ही स्थित नाहरगढ़ पहाड़ की तलहटी की तरफ चला गया। जहां खाली मैदान में बारिश का पानी इकट्ठा होना शुरु हो गया। बताया जा रहा है कि शुरूआत में गहराई कम थी। इसलिए सन्नी और बाकी दोस्त वहां नहाने लगे।
इस बीच मूसलाधार बारिश से पहाड़ी से तेज पानी की आवक शुरू हो गई। वहां करीब 10 फीट तक पानी इकट्टा हो गया। तभी सन्नी भी तेज बहाव में बहकर गहराई में चला गया। वह नजर नहीं आया तब उसके दोस्तों ने बाहर आकर स्थानीय लोगों व परिजनों को सूचना दी। तब एसीपी शास्त्री नगर महावीर सिंह मीणा, भट्टा बस्ती थानाप्रभारी शिवदयाल यादव व सबइंस्पेक्टर रामेश्वर खोखर मौके पर पहुंचे।
शुक्रवार को अंधेरा होने पर तलाश बंद हुई, शनिवार देर शाम को मिट्टी में दबा मिला
घटना का पता चलने पर सिविल डिफेंस की टीम एसडीएम मनीष फौजदार के निर्देशन में मौके पर पहुंची। गोताखोर महेंद्र सेवदा, युुनुस व अन्य ने पानी में ट्यूब व रस्सों की सहायता से उतरकर तलाश शुरु की। लेकिन पानी में डूबे सन्नी का पता नहीं चला। शुक्रवार को अंधेरा होने पर सर्च ऑपरेशन बंद हो गया। शनिवार को फिर से जेसीबी और मडपंप लेकर राज्य आपदा प्रबंधन टीम के जवान भी मौके पर पहुंचे। फिर से पानी में तलाश शुरू हुई। इस बीच सन्नी के परिजन और स्थानीय लोगों की भीड़ भी इकट्ठा रही।
वहीं, सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर रहे सेवानिवृत्त जगदीश प्रसाद रावत की भी मदद ली गई। जिन्होंने वीडियो कॉल के जरिए अनुभव से अंदेशा जताया, कि पानी के बहाव के साथ आई मिट्टी में सन्नी फंसा हुआ हो सकता है। तब जेसीबी की मदद से मिट्टी को हटवाया गया। इसके बाद पानी के किनारे पर जमा हुई मिट्टी में करीब तीन चार फीट नीचे सन्नी का शव मिला। जिसे हटाकर शव को बाहर निकाला गया। यह देखकर वहां मौजूद परिजनों की रूलाई फूट पड़ी।
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