कोयलीबेड़ा में शनिवार देर रात नक्सलियों ने बैनर बांधा जिसमें ग्रामीणों को कोविड 19 से सावधान होने की बात कही गई है। साथ ही नक्सलियों ने कोरेाना की आड़ में बीएसएफ जवानों पर भी निशाना साधा। इसमें इलाके में फैल रहे कोरोना संक्रमण का कारण जवानों को बताया गया है। हालांकि अबतक एेसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें जवानों के संपर्क में आने से कोई ग्रामीण कोरोना पाॅजिटिव पाया गया हो।
कोयलीबेड़ा में मेढ़की नदी एनीकट के निकट रविवार 23 अगस्त को बड़ी संख्या में नक्सलियों ने पर्चे फेंकने के साथ ही कुछ जगह सफेद कपड़े वाले बैनर बांधे हैं। इसमें एक रास्ते के बीच में भी बांधा गया है। रावघाट एरिया कमेटी की ओर से लगाए गए इन बैनरों में कहा गया है सुरक्षा बलों को वापस उनके मूल स्थान के बैरकों में भेजा जाए। पुलिस व अर्ध सैनिक बलों को दूर कर कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोको। कोविड-19 महामारी से सावधान रहने की बातें भी लिखी गई है। इसके पूर्व भी 15 अगस्त को नक्सलियों ने इसी जगह पर बैनर बांधने के साथ साथ एक काले रंग का पुतला भी लगाया था। बार बार इस इलाके में नक्सलियों द्वारा बैनर पोस्टर लगाने से स्पष्ट है नक्सलियों का दल आसपास मौजूद है।
नक्सली संपर्क में आए तो जंगल में इलाज संभव नहीं
नक्सल संवेदनशील व अंदरूनी इलाकों में बीएसएफ कैंप के साथ क्वारेंटाइन सेंटरों में मिल रहे कोरोना पॉजिटिव की दहशत अब नक्सलियों में भी दिखाई देने लगी है। कब कोई नक्सली कहां काेरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए यह कहा नहीं जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी इसके चलते ही नक्सली इससे बचने ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं। यदि नक्सली संपर्क में आए तो जंगल में इलाज संभव नहीं है और कोरोना संगठन के लिए भारी पड़ सकता है।
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