
प्रखंड क्षेत्र के सालेगुटु पाहन टोली निवासी सुनीता होरो अपने पति मतीयस होरो चंदाटोली बाजार में छाता की मरम्मत कर परिवार चलाती है। उसने कहा कि हाथ में हुनर है तो रोजगार के लिए दिल्ली, पंजाब क्यों जाएं। यहां मनरेगा में काम करने पर दिन भर मजदूरी करने पर मात्र 194 रुपए मिलते हैं। वह भी समय से भुगतान नहीं हो पाता है। आज के जमाने में केवल मजदूरी पर आश्रित रह कर बच्चों का लालन पालन करना संभव नहीं है।
एक ओर पूरे देश में महामारी फैली हुई है। वहीं इस वर्ष बारिश भी ढंग से नहीं हुई। काम के साथ महिलाओं को कुछ न कुछ हुनर सीखना चाहिए जो महिला अपने घर से बाहर निकल कर सिलाई, कड़ाई भी आसानी से सीखकर अच्छी कमाई कर सकती हैं। आज अपने घर का एक समय काम करने के बाद एक बेला सालेगुटु, चंदाटोली, कुरकुरा बाजार में पुराने छाते की मरम्मत करती हूं। प्रत्येक बजार में कम से कम 500 से 1000 तक कमाती हैं। तीन बच्चे हैं और उन्हें अच्छा विद्यालय में पढ़ा रही हैं। लोग उन्हें छाता वाली कह कर पुकारते हैं।
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