नोवामुंडी वन क्षेत्र के अंतर्गत जामपानी के डूमरडीहा जंगल में जंगली छत्तु(मशरूम) चुनने गए डुमरडीहा गांव निवासी सोमा चातर (47)पर जंगली हाथियों के समूह ने हमला कर दिया, इससे सोमा चातर की घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। बता दें कई दिनों से करीब 25 जंगली हाथियों का झुंड अपने बच्चों के साथ डूमर डीहा जंगल में शरण लिए हुए था। घटनानुसार, मृतक सोमा चातर को कान से कम सुनाई देता था। वह रविवार सुबह 8 बजे जंगल में जंगली मशरूम चुनने गया था। मशरूम चुनने के दौरान वह हाथियों के करीब पहुंच गया था। जंगली हाथियों के समूह ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया, इससे सोमा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
इधर, जब सोमा देर रात तक अपने घर नहीं लौटा तो उनके तीन मासूम बच्चों ने इसकी जानकारी पूर्व मुखिया हीरा मोहन पूर्ति को दी। दूसरे दिन सुबह जब हीरामोहन ग्रामीणों के साथ जंगल में ढूंढने निकले तो देखा कि कुछ दूर हाथियों का झुंड मृतक के शव को घेरे खड़ा है, उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय वन अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को दी। वन एवं पुलिस विभाग के लोग पटाखा आदि लेकर कई घंटों तक आतिशबाजी करते हुए जंगली हाथियों को खदेड़ा। इसके बाद शव को गांव लाया जा सका।
समूह में कुछ बच्चे, इसलिए आक्रामक बना झुंड
हाथियों के समूह में कुछ बच्चा हाथियों के होने की वजह से भी हाथी आक्रामक रुख अख्तियार करने लगे हैं। मृतक सोमा चातर की पत्नी की पूर्व में ही बीमारी से मौत हो चुकी है, उनकी आर्थिक हालत बेहद खराब थी और जंगल से छत्तु आदि चुनकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। सोमा की असमय मौत से उनके तीन नाबालिग मासूम बच्चे 15 वर्षीय पुत्र मधुसूदन चातर, 12 वर्षीय गुरुवारी चातर एवं 5वीं की छात्रा 10 वर्षीय बलेमा चातर अनाथ हो गए हैं। अब उनके समक्ष रोजी-रोटी की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गई है। जंगली हाथियों के अभी भी उसी जंगल में छिपे होने की संभावना को लेकर आस पास के अन्य गांवों के ग्रामीणों में किसी भी अनहोने को लेकर भी दहशत व्याप्त है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2S9aHle
No comments:
Post a Comment