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Saturday, September 12, 2020

पत्थलगांव से चार बसों में 96 विद्यार्थी बिलासपुर, रायपुर व भिलाई हुए रवाना

राष्ट्रीय पात्रता एवं योग्यता परीक्षा (नीट) में शामिल होने शनिवार को ब्लाॅक से सैकड़ों बच्चे महानगरों की ओर रवाना हुए। बस में बैठने के दौरान इनकी आंखों में डॉक्टर बनने का सपना चमक रहा था। बच्चे इस परीक्षा मे शामिल होने के लिए बेहद उत्साहित थे।
शनिवार की सुबह पत्थलगांव के बस स्टैंड में सैकड़ों बच्चे अपने पालको के साथ सेंटर जाने के लिए पहुंचे। रविवार को बिलासपुर, रायपुर, भिलाई मे राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा कराई गई। इसमें जिले से लगभग 367 बच्चे इस परीक्षा मे शामिल होंगे। नीट की परीक्षा में बच्चो को बैठाने के लिए जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रहा था। कलेक्टर महादेव कावरे के कुशल मार्गदर्शन मे जिला पंचायत सीईओ केएस मंडावी पूरे कार्य का जिम्मा लिए थे। शनिवार को जशपुर से चार बसें पत्थलगांव पहुंची, जिसमे ब्लाक के 96 बच्चे बिलासपुर,रायपुर के लिए रवाना हुए, वहीं दस बच्चों के लिए चार चक्का वाहन की व्यवस्था की गई थी। इस वाहन मे 10 बच्चे भिलाई के लिए रवाना हुए। उनके साथ लगभग 192 की संख्या मे अभिभावक भी मौजूद थे। पंडरीपानी की रहने वाली श्वेता तिर्की ने बताया कि लॉकडाउन के समय महानगरों में जाकर इस परीक्षा मे शामिल होना बेहद कठिन काम लग रहा था, लेकिन जिला प्रशासन एवं जिला के संवेदनशील कलेक्टर महादेव कावरे के प्रयास के बाद जिले के सैकड़ों बच्चे इस परीक्षा मे सकुशल भाग लेने रवाना हुए हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को जिले के लगभग 400 बच्चे इस परीक्षा में शामिल होकर अपनी आंखों में संजोये डॉक्टर बनने का सपना सच करने की राह में अग्रसर होंगे। उनका कहना था कि जिला प्रशासन की बगैर कोशिशों के ग्रामीण क्षेत्र से इतनी बडी संख्या में इस प्रतिभावन परीक्षा में बच्चो का भाग लेना किसी भी हाल मे संभव नहीं हो पाता।

विरोध: काम नहीं आई कांग्रेसियों की स्पीकअप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी मुहिम
राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा केन्द्र सरकार द्वारा कराई जा रही है, जिसका कांग्रेस ने स्पीकअप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी मुहिम के जरिए विरोध किया। कांग्रेसी नीट की परीक्षा कोरोना काल में कराने से मना कर रहे थे। उनका मानना था कि लंबे स्तर पर परीक्षा होने से उसमें लाखों विद्यार्थी सम्मिलित होकर संक्रमण के खतरे मे पड़ सकते है। इसके कारण कांग्रेसी स्पीकअप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी नामक मुहिम चलाकर नीट की परीक्षाओं को रद्द चाह रहे थे, लेकिन बच्चो की मांग को देखते हुए केन्द्र सरकार ने अपने फैसलों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया।

नेशलन लेवल में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए जरूरी है नीट
राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा मेडिकल में प्रवेश लेने के लिए आवश्यक मानी गई है। वर्ष 2016 से पूर्व मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश लेने के लिए ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट देना अनिवार्य होता था। जिसके माध्यम से मेडिकल के छात्रों को एमबीबीएस,बीडीएस,एमएस जैसे पाठयक्रम मे प्रवेश मिलता था। लेकिन 2016 के बाद अब सिर्फ नीट की परीक्षा का आयोजन होने लगा। जिसमे ज्यादा पारदर्शिता के साथ-साथ छात्रों को अनेक प्रकार की सुविधाएं दी जाती है।



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96 students left for Bilaspur, Raipur and Bhilai in four buses from Pathalgaon


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