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Friday, September 18, 2020

वलियों के उर्स पर नहीं हुआ लंगर घरों में भेजे गए पकवान के पैकेट

कोरोना का असर आम जनजीवन के साथ त्योहारों पर भी पड़ा है। ऐसे में विशेष अवसर पर होने वाले सामूहिक आयोजन बंद होते जा रहे हैं। गुरूवार 17 सितंबर को सैय्यद मदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी किछौछा शरीफ के 634वें उर्स के अवसर पर फातेहा के साथ साथ लंगर का भी आयोजन किया गया।
साथ ही वारिस पाक देवाशरीफ लखनऊ, बाबा ताजुद्दीन नागपुर तथा अमीने शरीयत के नाम पर भी फातेहा का अयोजन किया गया। इसमें धार्मिक और समाजिक समरसता दिखाते हिंदू व मुस्लिम समाज के लोगों ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर घर-घर लंगर तकसीम किया। लंगर का आयोजन ताजदारे सिमना कमेटी की ओर से किया गया था। कमेटी के अब्दुल वहीद खान ने बताया कि इस बार उर्स पर लंगर का आयोजन तो किया गया लेकिन सामूहिक रूप से लोगों को एक जगह पर नहीं बुलाया गया। लंगर के रूप में पकवान के दो हजार से अधिक पैकेट शहर में अकीदतमंदों के घर पहुुंचा कर तकसीम किया गया। आयोजन को सफल बनाने में शेख मतीन, अब्दुल रऊफ शेखानी, रज्जाक खान, जावेद कुरैशी, खालिद रिजवी, सचिन सोनपिपरे, विरेंद्र साहू, विकास सोनी, पंचम सिंह यादव, अफजल खान, सरोज पोया, इंदू यादव, प्रीति ठाकुर, विरेंद्र, अब्दुल्ला, फैजल खान, अब्दुल हबीब तबरेज, अल्ताफ खान समेत कमेटी के लोग जुटे हुए थे।



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The packets of the dish sent to the langar houses were not on the Urs of Vali


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