पुलिस थाना के सामने मानसिक रोगियों का लगा मजमा देख इसे पागल खाना नहीं समझ लेना। वास्तव में यह पुलिस द्वारा शुरू की गई मुहिम है जिसके चलते थाना में अब मानसिक रोगियों की भी भीड़ जुटने लगी है।
मुहिम के तहत कांकेर पुलिस ऐसे मानसिक रोगियों की तलाश कर रही है जिनकेे परिवार की माली हालत खराब है और वे इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे मानसिक रोगियों की पुलिस खोजबीन कर उन्हें इलाज के लिए मेंटल हास्पिटल भेज रही है।
ऐसे ही तलाश किए गए 8 मानसिक रोगियों को पुलिस ने मंगलवार को स्वयं के खर्चे से बिलासपुर स्थित सेंदरी के अस्पताल इलाज भेजा। 7 पुरूष व 1 महिला के जत्थे में ग्राम दसपुर से 4, नरहरपुर कोहकाटोला से 1, कांकेर में बोरसी दुर्ग का 1 तथा 1 अज्ञात के अलावा ग्राम पुसवाड़ा की एक महिला शामिल हैं। जब इन मानसिक रोगियों को थाना लाया गया तो वहां का नजारा ही पागलखाने जैसा दिखने लगा। एक रोगी थाना के सामने पेपर लेकर बैठ लोगों को आज की ताजा खबर सुना रहा था। दसपुर का एक रोगी बार बार यही दोहराता रहा मुझे कलेक्टर बनना है, पढ़ाई करना है। एक युवक सबको देख मुस्कराते हुए बार बार अपना चेहरा शर्ट से ढंकने लगा। इसी तरह कुछ ने तो पुलिस जवानों को आक्रोश में घूरते रहे तो कुछ पुलिस से तरह तरह के सवाल व अपनी हरकतों से परेशान कर दिया।
पकड़ कर अस्पताल पहुंचाना होता है काफी मुश्किल
कांकेर टीआई मोरध्वज देशमुख ने बताया कि यह मुहिम हमेशा जारी रहेगी। मानसिक रोगियों को अस्पताल भेजने में कई तरह की परेशानी आती है। इसके बावजूद पुलिस ऐसे लोगों को अस्पताल भेज उनका इलाज करा रही है। कई बार मानसिक रोगी को भेजने उनका परिवार ही मना कर देता है। उन्हें लगता है पुलिस कहीं जेल न भेज दे। कई बार तो रोगी जवानों पर ही हमला करते हैं। मंगलवार को भेजा गया एक रोगी पूर्व में कई बार लोगों पर हमला कर चुका है जिससे वह जेल में भी बंद था। उसे भी बड़ी मुश्किल से पकड़ अस्पताल भेजा गया है।
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