बीजापुर के बाद अब दंतेवाड़ा के बोदली इलाके में सीएएफ जवान कनेश्वर नेताम की नक्सलियों ने हत्या कर दी। जवान 28 अगस्त से कैंप से फरार था। मंगलवार को उसका शव बोदली और कड़ियामेटा के बीच बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कैंप से भागने के बाद जवान घोटिया गांव गया। जहां ग्रामीणों ने नक्सलियों से बचाकर 29 अगस्त की सुबह कैंप से कुछ दूरी तक छोड़ा था। लेकिन वह कैंप में जाने की बजाए दोबारा गांव में घुस गया। जहां नक्सलियों के हाथ लग गया।
नक्सलियों ने पूछताछ के बाद 30 अगस्त को इसकी हत्या कर शव को दो कैंपों के बीच रास्ते में फेंक दिया। मंगलवार सुबह इस बात की खबर मिलते ही हड़कंप मच गया। जानकारी यह भी मिली है कि जवान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इधर पूर्व बस्तर डिवीजन के नक्सलियों ने पर्चा जारी कर जवान की हत्या की बात कबूली है।
एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि जवान बिना बताए कैंप से 28 अगस्त को निकल गया था। जब जानकारी मिली तो डीआरजी के जवान ढूंढने निकले थे। वह नहीं मिला। बाद में पता चला कि मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी।
बोदली में हुई पोस्टिंग, 25 को ज्वाइन की थी ड्यूटी
जवान कनेश्वर चारामा का रहने वाला है। कांकेर के बाद दंतेवाड़ा के बोदली सीएएफ कैंप में 24 अगस्त को पोस्टिंग हुई थी। 25 को उसने ड्यूटी ज्वाइन की। ज्वाइन करने के 3 दिन बाद यानी 28 अगस्त को बिना बताए कैंप से निकल गया था। इधर पुलिस अफसरों का कहना है कि वह मानसिक रोगी था। पूर्व में भी जिस जगह पोस्टिंग थी वहां से भी वह 2-3 बार भाग चुका है। लेकिन भागकर वह घर चला गया था। जवानों को अकेले कैंप से बाहर निकलने की सख्त मनाही होती है।
आरोप- रेकी करने आया था जवान, जारी किया पर्चा
नक्सलियों के पूर्वी बस्तर डिवीजन ने आरोप लगाया है कि जवान कनेश्वर रेकी करने बार-बार गांव आ रहा था। नक्सलियों ने लिखा है कि जवान से पूछताछ करने पर उसने बताया कि सुखलाल साहब भेजे हैं। बोदली पहाड़ी इलाके में हमारी रेकी करने आया था। जिसे 30 अगस्त को मौत की सजा दी है। एसपी डॉ पल्लव ने नक्सलियों के सारे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एसपी ने कहा कि सुखलाल नाम का कोई व्यक्ति कैंप में है ही नहीं।
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