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Friday, October 2, 2020

पूर्वी सिंहभूम में 3 की मौत, 1512 की जांच में 67 संक्रमित, 235 ठीक हुए, जमशेदपुर में 14000+ पॉजिटिव, पहली बार रिकवरी रेट 84 फीसदी

शहरवासियों के लिए शुक्रवार को राहत की खबर आई। 67 नए मरीज मिले हैं और रिकवरी रेट पहली बार 84% पहुंचा। इससे पहले 30 अगस्त को जिले में 85 मरीज मिले थे। इसके बाद 32 दिन तक हर दिन औसतन 224.45 मरीज मिले। यानी 31 अगस्त से 2 अक्टूबर तक जिले में कुल 7407 मरीज मिले हैं। कुल मरीजों की संख्या 14062 पहुंच गई है। तीन कोरोना मरीजों की मौत भी हुई और कुल संख्या 324 हो गई है। शुक्रवार को कुल 1512 सैंपल की जांच हुई, जिसमें 67 की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। जिले में मरीज मिलने का पॉजिटिविटी रेट भी औसत 7 प्रतिशत से घटकर 4.4 रहा है।

नए मरीजों में चार डीसी के आवासीय ऑफिस के कर्मचारी, साकची के रेस्टोरेंट का स्टाफ, गोलमुरी के दो होटल के सात स्टाफ, जिसमें एक होटल के पांच व दूसरे के दो स्टाफ, वाटिका ग्रीन सिटी के एक ही परिवार के चार लोग, विजया गार्डेन बारीडीह के एक ही परिवार के तीन लोग, एमजीएम कोविड वार्ड का एक स्टाफ, सदर हॉस्पिटल का एक स्टाफ शामिल हैं। दूसरी ओर 235 मरीज ठीक हुए। इस तरह से जिले पहली बार रिकवरी रेट 84% की दर से अब तक 11734 मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं व एक्टिव केस की संख्या 2004 है।

कोरोना कमजोर- यही गति रही तो राज्य में 9 दिन में बुरा दौर खत्म

झारखंड में अब कोरोना को हराने वालों की संख्या संक्रमित मरीजों से ज्यादा मिल रही है। यानी एक्टिव मरीजों की वृद्धि दर शून्य से नीचे है। सिर्फ 27 सितंबर को नए मरीज ज्यादा मिले। आईसीएमआर का भी मानना है कि झारखंड में रोजाना नए मरीज कम मिल रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि झारखंड पीक की ओर से तेजी से बढ़ रहा है। पीक को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि सक्रिय मरीजों की वृद्धि दर 14 दिन तक शून्य से नीचे रहे तो इसे पीक मान लिया जाता है। एक से 30 सिंतबर के बीच झारखंड में 41,882 नए मरीज मिले, जबकि उससे ज्यादा 44,162 मरीज ठीक हुए। ऐसे में 27 सितंबर से भी वृद्धि दर शून्य मानें और इसकी रफ्तार ऐसी ही रही तो 9 दिन में पीक आ सकता है। जहां 31 अगस्त तक राज्य में मरीजों की रिकवरी रेट 65.15 थी, अब वह राष्ट्रीय औसत से ज्यादा 85.60 पर पहुंच गई है। झारखंड रिकवरी रेट में अब सातवें स्थान पर है।

हम पीक के करीब, अब लापरवाही नहीं बरतें

  • क्या होता है पीक?

-काेई भी संक्रामक बीमारी एक बिंदु पर पहुंचकर कम होनी शुरू हो जाती है। सक्रिय मरीजों की वृद्धि दर 14 दिन तक शून्य से नीचे रहे तो इसे पीक मान लिया जाता है।

  • अभी क्या ज्यादा सतर्कता रखनी चाहिए लोगों को?

-दिल्ली, असम और तेलंगाना में एक से ज्यादा बार पीक आ चुका है। वहां लगातार कुछ दिनों तक मामले कम होने के बाद फिर बढ़ने शुरू हो जाते हैं। इसका मतलब यह है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि एक बार पीक आने पर मामले दोबारा बढ़ेंगे नहीं। ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है।

  • झारखंड में कोरोना का ट्रेंड अभी कैसा है?

-अगर यही ट्रेंड 10 दिन से 2 हफ्ते तक रहता है तो हम यह कह सकते हैं कि हमारा कर्व फ्लैट हो चुका है और फिर धीरे-धीरे केस कम होने चाहिए। लेकिन अभी यह कहना मुश्किल है।

  • ट्रेंड बदलने के आसार क्यों लग रहे हैं?

-इस महीने से त्योहार शुरू हो रहे हैं। भीड़ हुई तो फिर केस बढ़ सकते हैं। दूसरा कि मौसम बदल रहा है। ठंड के कारण वायरल इनफेक्शन बढ़ने के चांस होते हैं।



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3 died in East Singhbhum, 67 infected in 1512 investigations, 235 recovered, 14000+ positive in Jamshedpur, recovery rate 84% for the first time


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