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Thursday, October 1, 2020

ऑनलाइन 34%, मोहल्ला क्लास में 38% बच्चे पढ़ रहे; 28% अभी इससे दूर

कोरोना संक्रमण के चलते शिक्षा तंत्र पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। शासन ने विकल्प के रूप में ऑनलाइन क्लासेस तथा मोहल्ला क्लासेस का कांसेप्ट जरूर लाया है लेकिन यह ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। सरकारी आंकड़ों की ही मानें तो जिले में 34 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन क्लासेस से जुड़े हैं जबकि 38 प्रतिशत छात्र मोहल्ला क्लासेस से जुड़े हैं।
शेष 28 प्रतिशत छात्र फिलहाल दोनों में से किसी विकल्प से जुड़ नहीं पाए हैं जिसके चलते पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ये तो सरकारी आंकड़े हैं लेकिन जमीनी हकीकत में 50 प्रतिशत से अधिक छात्र फिलहाल पढ़ाई से वंचित हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलें बंद होने से शासन ने पढ़ई तुहर द्वार कार्यक्रम चालू किया। इसमें दो तरीकों से पढ़ाई कराई जा रही है। पहला ऑनलाइन क्लासेस लगाई जा रही है। शिक्षा विभाग ने दावा किया है कि जिले में सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कुल 1 लाख 23 हजार 841 छात्रों में से ऑनलाइन क्लास से जुडऩे 70 हजार 841 छात्रों ने पंजीयन कराया लेकिन ऑनलाइन क्लासेस से केवल 43 हजार 29 छात्र ही जुड़ पाए जिन्हें 7753 शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इनमें से प्राय: छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं होने तथा गांव में नेटवर्क की समस्या होने के कारण ऑनलाइन क्लासेस से नहीं जुड़ पाते थे। इसके निदान के लिए शासन ने मोहल्ला क्लास का कांसेप्ट लाया।
इस बार विभाग ने दावा किया कि जिले में 47 हजार 346 छात्र मोहल्ला क्लास से जुड़ पढ़ाई कर रहे हंैं। इनमें से बहुत से छात्र तो वे ही हैं जिन्होने ऑनलाइन क्लास के लिए भी पंजीयन कराया था। मोहल्ला क्लासेस जब शुरू हुई तब जिले में कोरोना का इतना प्रकोप नहीं था लेकिन अगस्त सितंबर में प्रकोप बढ़ा तो वहां के पार्षदों तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने मोहल्ला क्लासेस को बंद करवा दिया।

51 में एक भी स्कूल की मोहल्ला क्लास नहीं
कांकेर शहर की तीन संकुलों की 51 शासकीय स्कूलों में से 40 में मोहल्ला क्लास शुरू हुई थी जिसमें से 24 सितंबर माह में बंद करा दी गई। सितंबर के अंत तक तो शेष 16 मोहल्ला क्लासेस भी बंद करा दी गईं। यानी फिलहाल कांकेर संकुल में एक भी मोहल्ला क्लास नहीं चल रही है।

शहर में ही हालत बदतर
लट्टीपारा कन्या शाला में 148 छात्राएं है जिसमें से 45 ही ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई कर रही हैं। 12वीं विज्ञान संकाय में 70 छात्राएं हैं जिसमें 40 ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रही हैं। व्याख्याता भावेंद्र ने कहा कई छात्राएं दूसरे विकासखंड के अंदरूनी गांवों में रहती हैं जहां नेटवर्क समस्या के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

... और ये भी एक कारण
जिन पालकों के पास स्मार्ट फोन है भी तो एक ही है लेकिन बच्चे दो या तीन होने पर सभी को ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल नहीं दे पा रहे हैं। व्याख्याता आरपी साहू ने कहा कि कई घर में एक ही मोबाइल है और एक से ज्यादा बच्चे हैं, ऐसे में भी परेशानी हो रही है।

संक्रमण के कारण मोहल्ला क्लास करा रहे बंद
संक्रमण के चलते माहुरबंदपारा संकुल समंवयक शंभुराम शोरी, कोदाभाठ संकुल समंवयक कमलेश्वर साहू ने कहा शहर में मोहल्ला क्लास पालकों तथा पार्षदों के विरोध के कारण बंद हो रहा है।

विपरीत हालातों में शिक्षक कर रहे बहुत मेहनत
जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय ने कहा कि फिलहाल परिस्थितियां बहुत विपरीत है बावजूद इसके शिक्षक ऑनलाइन तथा मोहल्ला क्लास को लेकर बहुत ज्यादा मेहनत कर रहे हैं।



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34% online, 38% children studying in Mohalla class; 28% away from it now


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