नदी पार बसे तुमरीगुंडा, बाकेली, भटपाल, कोरकोटी ये ऐसे गांव हैं जो विकास से दूर हैं और नक्सल कब्जे में हैं। इन गांवों के 32 नक्सलियों ने नक्सलवाद छोड़ने की जहमत उठाई है और मीलों पैदल चलकर रविवार को बारसूर थाने पहुंचे। यहां एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के सामने 4 इनामी सहित 32 नक्सलियों ने सरेंडर किया। पुलिस अफसरों ने छाता खोलकर सभी को भेंट किया। एसपी बोले अब आप सभी हमारी छत्र छाया में रहेंगे। किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। लोन वर्राटू अभियान के तहत इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर का यह पहला आंकड़ा है। जितने भी नक्सलियों ने सरेंडर किया है ये सभी नदी पार गांवों के रहने वाले हैं। इस अभियान के शुरू होने के बाद पहली बार नदी पार गांवों के नक्सलियों का सरेंडर हुआ है।
एसपी ने कहा कि विजयादशमी के मौके पर 32 नक्सलियों नक्सलवाद का दामन छोड़ मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। नदी पार गांव व लोन वर्राटू अभियान का यह पहला बड़ा सरेंडर है। अभी और भी नक्सली सरेंडर करने पुलिस के संपर्क में हैं। करीब 40-50 नक्सलियों का जल्द ही सरेंडर कराया जाएगा। ये कई घटनाओं में शामिल रहे हैं। इस मौके पर एएसपी उदय किरण, सीआरपीएफ 195 बटालियन के टूआईसी कुमार सौरभ, एएसपी राजेन्द्र जायसवाल, एसडीओपी चंद्रकांत गवर्णा, असिस्टेंट कमांडेंट आरके सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सरेंडर करके बोलीं- महिला शक्ति ज़िंदाबाद
32 में 10 महिला नक्सली भी शामिल हैं। सरेंडर के बाद इन सभी ने भारत माता, दंतेश्वरी माता की जय कार लगाई। महिला शक्ति जिंदाबाद के नारे लगाकर बोलीं अभी और भी महिलाएं सरेंडर करेंगी।
सूची में नाम देखकर पुलिस के पास सरेंडर करने आए
दरअसल दंतेवाड़ा पुलिस ने लोन वर्राटू अभियान शुरू होने के बाद गांवों के नक्सलियों की सूची जारी की है। रविवार को सरेंडर करने वाले नक्सलियों के साथ गांव के लोग भी पहुंचे थे। सरेंडर के बाद नक्सलियों ने कहा अब सूची से नाम हट गया अब नक्सलवाद का साथ नहीं देंगे।
कैश नहीं बल्कि एकाउंट में प्रोत्साहन राशि डलेगी पासबुक भी साथ लेकर सरेंडर करने पहुंचे
सरेंडर करने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि देने का तरीका अब पुलिस ने बदला है। ये सभी 32 लोग नदी पार धुर नक्सलगढ़ गांव के रहने वाले हैं। नक्सली उनसे प्रोत्साहन राशि न छीन लें ऐसे में उन्हें मिलने वाली 10 हज़ार की प्रोत्साहन राशि खाता में ट्रांसफर होगी। कई लोग तो अपने साथ पासबुक भी लेकर पहुंचे थे।
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