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Sunday, October 25, 2020

डस्टबिन में रखे कचरे से आ रही थी बदबू, साेशल मीडिया पर तकनीक देख खाद बनाना शुरू किया

नीलकंठ राेड वार्ड क्र. 8 में रहने वाली फ्रांस की मारी व मांडू की गृहिणी ने घर से निकलने वाले कचरे काे सड़क पर फेंकने के बजाय उससे खाद बना रही हैं। यही खाद अपने घर के आसपास लगाए पेड़-पाैधाें व सब्जियाें में डाल रही हैं। आसपास के लाेगाें काे भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं। मारी ने बताया घरेलू कचरे को सड़क पर फेंकना अच्छा नहीं लगता।

घर में रखे एक डस्टबिन में गीला और दूसरे में सूखा कचरा डालती हूं। डस्टबिन भर जाने के बाद भी नगर परिषद से काेई कर्मचारी नहीं आने पर कई दिनाें तक उसकी बदबू से परेशान हाेना पड़ता था। परेशानी बढ़ने लगी तो साेशल मीडिया पर देख फ्रांस की तकनीक से खाद बनाना शुरू कर दिया।

मारी जिस तरह से खाद तैयार कर रही हैं, यह विधि सिटी कंपोस्ट की है। इसमें मटेरियल के सड़ने गलने से खाद तैयार होती है। खाद में भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने वाले सभी तत्व विद्यमान होते हैं। इस कार्य में दाेनाें बेटे काशी और नील भी सहयाेग करते हैं।

खाद बनाने के लिए पहले घर से निकलने वाले गीले और सूखे कचरे काे डालकर घोड़े का मल, भूसा व पेड़-पौधों की पत्तियां को एकत्रित कर उसे मिलाया जाता है। घोड़े का मल काफी गर्म हाेकर उर्वरक क्षमता बढ़ाता है। इसके बाद अन्य सामग्री मिलाकर यह खाद बनाई जाती है। गत दिवस हाट बाजार और सीताफल की मंडी वाले स्थान से सारा कचरा एकत्रित कर ट्रैक्टर-ट्राॅली में भरकर प्लाट पर लेकर आईं।

जहां क्षेत्र की दो-तीन लड़कियों के साथ कचरे काे अलग-अलग कर पानी व मिट्टी डालकर दो से 3 दिन प्रतिदिन 3 से 4 घंटे हाथों से मिलाया। एक सप्ताह तक पूर्ण सामग्री को सूर्य की किरणों के सामने रखा। इसके बाद सूर्य की गर्मी से पका कर छलनी से छानकर यह खाद प्लाट के कुछ हिस्से में लगाई बैंगन, गिलकी, गाजर, मिर्ची, टमाटर, धनिया, लौकी, भिंडी में डालती हैं।



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There was stench coming from the waste kept in dustbin, started making fertilizer after seeing the technology on the satellite media


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