शहर में हर साल 40 फीट उंचे रावण के पुतले का दहन भव्य आतिशबाजी के साथ होता था। रावण दहन से पहले राम रावण युद्घ प्रसंग होता था। पुरा कार्यक्रम लगभग दो घंटे चलता था। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सरकारी गाइडलाइन का पालन करते 10 फीट के रावण का पुतला दहन किया गया। रावण दहन कार्यक्रम इस बार 5 मिनट में ही निपट गया।
वियजादशमी पर 26 अक्टूबर को शाम 5 बजे जनकपुर वार्ड स्थित मेलाभाठा में रावण दहन किया गया। दहन से पूर्व रावण का विधिविधान से पूजन नगरपालिका अध्यक्ष सरोज ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर, पार्षद रमशीला साहू, जागेश्वरी साहू, शैलेंद्र शोरी, दीपक शोरी, अजय रेणु आदी ने किया। कोरोना संक्रमण के अलावा रावण का पुतला छोटा बनाने के चलते भीड़ भी कम ही आई। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण राम रावण युद्घ प्रसंग का आयोजन भी नहीं किया गया। हर साल लोक कलाकार रावण दहन के पूर्व राम रावण युद्घ प्रसंग की प्रस्तुती करते थे।
कार्यक्रम में प्रज्ञा दुग्गा, हेमलाल जैन, कार्तिक राम साहू, सुखचंद कावड़े, शंकर लाल जैन, भागबली पोटाई, राकेश निषाद, दयाराम, देवेंद्र साहू, सुरज दुग्गा, संतु यादव, नारायण साहू, सुभाश जैन, दुलमत यादव,बबिता यादव, शुभम सेन, भगवान सिंह सहित शामिल हुए। कोरोना संक्रमण के कारण बंग समाज ने इव वर्ष रावण दहन नहीं किया।
राजापारा में भी 5 फीट ऊंचे रावण का दहन
इसके अलावा शहर के राजापारा में भी 5 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया। आदर्श सोनी, भरत पटेल, आदित्य पटेल, भावेश पटेल ने कहा वे प्रति वर्ष दशहरा पर्व मनाते रावण दहन भी करते हैं। रावण का पुतला स्वयं अपने हाथ से बनाते हैं। ग्राम सिदेसर में शाम 5.30 बजे 10 फीट के रावण का पुतला दहन किया गया। इसके पहले 3 बजे शीतला माता में स्थापित मनोकामना ज्योति कलश का विसर्जन गांव के तालाब में किया गया।
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