राज्य में महिलाओं व बालिकाओं के साथ होने वाले अपराध को लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर है। लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि महिलाओं व बालिकाओं के विरुद्ध अपराध कम हों। नए एक्शन प्लान भी तैयार किए गए हैं। अब कहीं भी संदिग्ध अवस्था में किसी महिला का शव मिलता है, तो घटना स्थल पर जिले के एसपी को भी तुरंत पहुंचना होगा। मामले की जांच, आरोपी की गिरफ्तारी से लेकर अनुसंधान तक संबंधित एसपी खुद मॉनिटरिंग करेंगे। कहीं भी चूक होगी, तो अब संबंधित एसपी पर भी कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए डीजीपी एमवी राव ने कहा कि सभी अधिकारियों की अकाउंटेबिलिटी तय की गई है।
पिछले सप्ताह मदद के लिए शुरू हुए वाट्सएप नंबर पर मिलीं 108 शिकायतें, अधिकांश पारिवारिक विवाद की
डीजीपी ने कहा कि पिछले सप्ताह महिलाओं की मदद के लिए शुरू किए गए वाट्सएप नंबर का भी रिस्पांस अच्छा है। एक सप्ताह में 108 महिलाओं की शिकायते मिली हैं। जिसमें सबसे अधिक 28 रांची में, 18 गिरिडीह और 12 मामले जमशेदपुर में आए। 108 मामलों में अधिकांश घरेलू व पड़ोसियों के साथ विवाद, पारिवारिक मारपीट, पति-पत्नी के झगड़े के मामले सामने आए। कुछ मामले प्रेमी-प्रेमिका के भी आए हैं, जिसमें शादी का प्रलोभन देकर यौन शोषण करने व गर्भपात कराने की बात सामने आई है। जिसमें प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। रांची में एक युवती ने अपने ब्वाय फ्रेंड की शिकायत की है कि उसकी कुछ तस्वीरें जो आपत्तिजनक हैं, उसे वापस कराई जाए। जिस पर कार्रवाई की जा रही है। दो जिले साहेबगंज और खूंटी में एक भी शिकायत नहीं आई।
डीजीपी ने कहा कि महिला अपराध रोकने के लिए थानों को अतिरिक्त फंड मिलेंगे, ताकि जरूरत के अनुसार सीसीटीवी की संख्या बढ़ाई जा सके। महिलाओं के लिए राज्य के 300 थानों में हेल्प डेस्क खोले जाएंगे, जो महिला अधिकारियों द्वारा संचालित होंगे। अगर किसी गांव में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना होती है और पंचायती कर मामले को रफा-दफा या दबाने की कोशिश की जाती है, तो ऐसे लोगों पर भी प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होगी।
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