बलरामपुर जिले के औरंगा गांव में क्रेशर के डस्ट की वजह से पांच सालों में 13 लोगों की टीबी हो जाने से मौत की खबर प्रकाशित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। वहां 39 लोगों का बलगम जांच के लिए लिया गया है। वहीं लोगों का इलाज शुरू कर दिया गया है। रामचंद्रपुर ब्लाॅक के औरंगा गांव के लोग पहले क्रेशर में जाकर दूसरे राज्यों में मजदूरी करते थे। क्रेशर से निकलने वाली धूल के कारण उन्हें टीबी होने लगी। इसके बाद कुछ दिन पहले उन्हें पता चला कि गांव में एक क्रेशर लग रहा है तो गांव के लोगों ने इसका विरोध किया। वहीं दैनिक भास्कर ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद अब क्रेशर लगाने का काम रोक दिया गया है तो कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ बसंत सिंह ने स्वास्थ्यकर्मियों की टीम भेजी। इस पर बीएमओ ने गांव के अलग अलग मुहल्लों में 48 लोगों को टीबी होने की आशंका पर उनकी जांच के लिए सैम्पल लिया है।
3-4 दिन में सभी की आ जाएगी जांच रिपोर्ट
बीएमओ कैलाश ने बताया कि रविवार को हमने गांव जाकर सस्पेक्टेड लोगों को चिन्हित किया था। इसके बाद सोमवार को स्वास्थ्यकर्मियों ने सभी का सैम्पल लिया है। तीन चार दिन में सभी की रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद उनका इलाज किया जाएगा।
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