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Monday, November 30, 2020

शहर में एक और साइबर गिरोह का पर्दाफाश,ज्यादा पैसे कमाने की लालच में पांच युवा बने अपराधी, 3 माह में 500 लोगों से 2 करोड़ ठगे

साइबर पुलिस ने शहर के एक और साइबर क्राइम गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने रविवार की रात विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से कई चेक बुक, पासबुक, आधार कार्ड, मोबाइल, एटीएम कार्ड, क्रेडिट और डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं। मेडिकल के बाद गिरफ्तार पांचों आरोपियों को पुलिस ने सोमवार को जेल भेज दिया। पुलिस इसे बड़ी सफलता मान रही है। जांच में पाया गया कि पांचों आरोपियाें ने तीन माह पूर्व ही साइबर क्राइम की दुनिया में कदम रखा था।

तीन माह में ही 500 से अधिक लोगों से ठगी कर 2,12,67000 रुपए का ट्रांजेक्शन खाते में किया। ठगी की रकम और भी बढ़ सकती है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। ऑनलाइन खरीदारी, क्यूआर कोड भेज व नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। देश के विभिन्न राज्याें के लोगों से रुपए की ठगी की। जमशेदपुर के अलावा रांची, सरायकेला और चाईबासा में भी इनका गिरोह संचालित है। गिरोह का मुख्य सरगना गोलमुरी निवासी मो. आरिफ फिलहाल फरार है। पुलिस उसके और गिरोह के अन्य सदस्याें काे पकड़ने के लिए छापेमारी अभियान चला रही है।

सभी आरोपियों की उम्र 18 से 26 वर्ष

गिरफ्तार पांचों आरोपियों को पुलिस ने रविवार की रात उनके घर से गिरफ्तार किया। सभी के घर से पासबुक, चेक बुक समेत अन्य सामान बरामद हुए। गिरफ्तार आरोपियों में सिदगोड़ा थाना अंतर्गत पद्मा रोड निवासी विकास कुमार तिवारी, गोलमुरी नामदा बस्ती निवासी सविंदर सिंह, गोलमुरी निवासी ऋषभ भारती, बिरसानगर के प्रकाशनगर निवासी दिलप्रीत सिंह और जगजीत सिंह शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 18 से 26 वर्ष है। सभी कम समय मे ज्यादा पैसे कमाने की लालच में साइबर अपराधी बने।

ऐसे करते थे ठगी, लाखों का करते थे ट्रांजेक्शन खातों में मंगवाते थे ठगी के रुपए
गिरफ्तार आरोपियों के खाते में माह में लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन होता था। भोले-भाले लोगों को झांसा देकर उनका बैंक एकाउंट खुलवाते थे। आम लोगों के खाते में ठगी के पैसे मंगवाकर सभी आरोपी अपने पेटीएम एकाउंट में रुपए रखते थे। गिरफ्तार आरोपी विकास कुमार तिवारी के खाते में 19 सितंबर से 13 अक्टूबर तक 84,800,77 क्रेडिट हुआ। 82,98,400 रुपए विकास ने डेबिट किया। सविंदर सिंह ने 13 अक्टूबर से चार नवंबर तक अपने खाते में 35,80,440 रुपए क्रेडिट किए, जबकि 34,78,500 रुपए डेबिट हुआ। दिलप्रीत सिंह ने दाे अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक अपने खाते में 24,32,700 रुपए क्रेडिट किया, जबकि 24,23,300 रुपए डेबिट हुआ। ऋषभ भारती ने 12 अगस्त से 24 सितंबर
तक अपने खाते में 67, 73, 140 रुपए क्रेडिट किया, जबकि 67,37, 059 रुपए डेबिट हुआ। सभी ने देश के विभिन्न भागों के लोगों से साइबर ठगी की थी।

ऐसे पकड़ाए अपराधी, ठगी के शिकार व्यक्ति ने पुलिस से की शिकायत तो सभी धराए

गिरोह का सरगना आरिफ वर्षों से ठगी कर रहा है। जमशेदपुर उनका मुख्य कार्यक्षेत्र है, जबकि रांची, सरायकेला और चाईबासा में भी गिरोह फैला हुआ है। गिरफ्तार पांचों आरोपी सितंबर माह में साइबर अपराधी जगजीत सिंह और कुलजीत सिंह के कहने पर साइबर अपराध की दुनिया से जुड़े थे। आरोपी विकास कुमार तिवारी ने बताया उसके मित्र राजा सिंह ने साइबर अपराधी अवतार सिंह और मो. आरिफ से उसका परिचय कराया। राजा सिंह के कहने पर उसने खाता खुलवाया और उक्त खाता राजा सिंह को दे दिया। राजा सिंह ने अवतार सिंह को वह खाता उपलब्ध कराया। बाद में उसे एक नंबर दिया गया, जिसमें उसे पेटीएम में अकाउंट खोलने को कहा गया। उसके खाते में ही कुलजीत सिंह द्वारा द्वारिका विश्वास के अकाउंट से पैसे ट्रांजेक्शन किए गए। मालूम हो कि द्वारिका विश्वास से ठगी की शिकायत पर ही पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया। द्वारिका विश्वास ने कुलजीत सिंह पर पैसे का ट्रांजेक्शन करने का आरोप लगाया था।



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Another cyber gang busted in the city, five young criminals made to lure more money, cheated 2 crore from 500 people in 3 months


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