जेल मे बंद व्यक्ति भी आम इंसान है, बस फर्क इतना है कि किसी कारणवश वे मुख्य धारा से भटक चुके हैं। उन्हें सही गलत का फर्क बताकर मुख्य धारा से जोड़ना अपनी प्रथम प्राथमिकता मे सम्मिलित करूंगा। यह बातें वरिष्ठ कांग्रेसी एवं शहर के पूर्व ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने शासन द्वारा नियुक्त अशासकीय जेल संदर्शक का पद मिलने के बाद कही।
पद पर चुने जाने पर वेे विधायक रामपुकार सिंह से मिलने पहुंचे थे। विधायक रामपुकार सिंह ने कहा कि प्रदेश की सरकार राज्य के पांच केन्द्रीय जेल,13 जिला जेल एवं 15 उपजेलों मे अशासकीय जेल संदर्शकों की नियुक्ति की है। यह नियुक्ति जेल नियमों के अनुसार धारा 815 मे प्रदत शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए की गई है। उन्होंने सुरेश अग्रवाल को जेल के नियमों का हमेंशा ख्याल रखने और कैदियों के हित एवं उत्थान के लिए इस पद पर कार्य करते रहने की सलाह दी। राज्य शासन ने अशासकीय जेल संदर्शकों की नियुक्ति के पीछे जेल के काम काजों में सहयोग मिलने का उद्देश्य बताया है। ये सभी नियुक्तियां गृृह एवं जेल मंत्री ताम्रध्वज साहूु द्वारा की गई है। दरअसल सुरेश अग्रवाल काफी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुडे हुए नेता हैं। विधायक रामपुकार सिंह के बेहद करीबी रहने के कारण इस पद के लिए उनका नाम सुनिश्चित किया गया था।
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