Breaking

Thursday, November 26, 2020

घर-घर में मनाई गई देवउठनी एकादशी, हुआ तुलसी विवाह

तुलसी विवाह का पर्व देवउठनी एकादशी बुधवार को पूरे उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। गन्ने के मंडप तले शालिग्राम-तुलसी की पूजा अर्चना के साथ विधि विधान से विवाह हुआ। देवउठनी पर्व के बाद वैवाहिक आयोजन सहित अन्य मांगलिक अनुष्ठान पूजा की शुरुआत हो गई है। धार्मिक परंपरा के साथ तुलसी व शालिग्राम विवाह देवउठनी में कराया गया। लोगो ने अपने घरों के द्वार पर रंगोली की कलाकृति भी बनाई।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जगते हैं। चार माह की इस अवधि को चतुर्मास कहते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन चतुर्मास का अंत हो जाता है और शादी-विवाह शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत बड़ा महत्व है। हिंदी चंद्र पंचांग के अनुसार पूरे वर्ष में चौबीस एकादशी पड़ती हैं। लेकिन यदि किसी वर्ष में मलमास आता है, तो उनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।
इनमें से एक देव उथानी एकादशी है। देवउठनी एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को होती है। कहा जाता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाता है और फिर कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन, चातुर्मास का समापन होता है, देव चौदस त्योहार शुरू होता है। इस एकादशी को देवउठनी कहा जाता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mfYU24

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Pages