
जिले में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से गोबर से तैयार विभिन्न उत्पाद आजीविका का जरिया बन गया है। दीपावली व एकादशी पर गोबर के दीये व दरवाजों पर लगाने के लिए बनाए गए शुभ-लाभ, श्री, ओम की कलाकृति की जिले में अच्छी खासी बिक्री हुई है। गोबर से बने उत्पादों को लोगों ने खूब पसंद किया। इससे समूह की महिलाओं को 1 लाख 40 हजार रुपए की आमदनी हुई है।
इसके अलावा कोविड महामारी से लड़ने के लिए बनाए गए मास्क, सेनिटाइजर, हैण्डवाश, हर्बल फिनाइल एवं हैण्ड मेड साबुन सहित अन्य उत्पाद की मांग भी देखने को मिली। बता दें कि मुख्यालय के बाजार में ही गोबर से बने रंग-बिरंगे दीये व टेराकोटा की कलाकृतियों के साथ ही बांस सामग्री व अन्य हस्त निर्मित उत्पाद विक्रय से स्व सहायता समूहों को 56 हजार रुपए की कमाई हुई है। इसी प्रकार सोनहत में 16 हजार, मनेन्द्रगढ़ में 40 हजार व भरतपुर में 28 हजार की कमाई हुई है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर महिलाओं को ना सिर्फ स्वरोजगार मिल रहा है बल्कि वे आर्थिक तौर पर सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। कलेक्टर एसएन राठौर व जिला पंचायत सीईओ तूलिका प्रजापति के मार्गदर्शन में हस्त निर्मित उत्पादों का बाजार तक लाने का प्रयास किया गया था। दीपावली त्योहार के दौरान शहर में लगे बिहान बाजार में संसदीय सचिव व विधायक अम्बिका सिंहदेव ने पहुंचकर महिलाओं का उत्साहवर्धन किया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2JoPBi0
No comments:
Post a Comment