होम आइसोलेशन में रहकर कोराेना का इलाज ले रहे मरीजों में बीते दो महीने के भीतर सरगुजा जिले में 286 लोगों की हालत बिगड़ी तो स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें समय रहते अस्पताल में भर्ती कराया जिससे 98 फीसदी की जान बचा ली।
यह प्रदेश में सबसे अधिक है। इनकी गंभीर स्थिति के बारे में फोन पर रोज बातचीत कर इनका फीडबैक तैयार करने से स्वास्थ्य विभाग को पता चला। शासन द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के इलाज में गुणवत्ता बनाने 11 मापदंड बनाए हैं। फीडबैक से इन्हीं के बारे जानकारी ली जाती है जिससे सरगुजा में सबसे अधिक मरीज होम आइसोलेशन में स्वस्थ्य हो रहे हैं। यहां होम आइसोलेशन में अब तक 3886 कोरोना के मरीज भर्ती हो चुके हैं जिसमें 3638 पूरी तरह स्वस्थ्य हो चुके हैं।
डाॅक्टर का ऑक्सीजन लेवल नीचे आ गया था
रिटायर डाॅ. आजाद भगत नवंबर में कोरोना पाॅजिटिव हो गए थे। वे होम आइसोलेशन में ही रहे। इस बीच कंट्रोल रूम से उनका रोज फीडबैक लिया जा रहा था। जिसमें ऑक्सीजन लेवल की स्थिति नीचे जा रही थी। वे भर्ती होने तैयार नहीं थे। 11 नवंबर को ऑक्सीजन लेवल 60 फीसदी पहुंच गया और उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती कराया। अब वे स्वस्थ हैं।
कैंसर के मरीज ने भी कोरोना को हराया
अंबिकापुर के शौकत अली को मुंह के कैंसर की बीमारी है। इसी बीच उन्हें कोरोना का संक्रमण हो गया। उनकी सात बार कीमोथेरेपी हो चुकी थी। शरीर पहले से कमजोर था और कोरोना ने उन्हें और तोड़ दिया। वे होम आइसोलेशन में ही थे। कंट्रोल रूम से रोज उनकी जानकारी ली जा रही थी। संक्रमण बढ़ने से 9 नवंबर को उनकी हालत गंभीर हो गई। मेडिकल कॉलेज में इलाज के बाद अब वे स्वस्थ हैं।
12 घंटे की नींद के साथ सकारात्मक सोच जरूरी
"होमआइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीजों के लिए सबसे जरूरी है उनकी सकारात्मक सोच। कंट्रोल रूम से इसी के बारे में फोन कर जानकारी ली जाती है।मरीज को 12 घंटे नींद लेना होता है। इसके साथ बताई गई गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। इसी से होम आइसोलेशन में प्रदेश में सबसे ज्यादा बेहतर स्थिति सरगुजा की है।"
-डाॅ. शैलेंद्र गुप्ता, नोडल अधिकारी, कोविड19 सेंट्रल कंट्रोल रूम सरगुजा
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