
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स और सदर अस्पताल में मरीजों का भार कम करने के लिए रांची नगर निगम क्षेत्र में 12 अटल मोहल्ला क्लीनिक खोला गया है। इनमें सर्दी-खांसी और बुखार जैसी हल्की बीमारियों का मुफ्त इलाज किया जाता है। यहां बीपी और ब्लड टेस्ट की भी सुविधा है। क्लीनिकों में एक डॉक्टर, एक एएनएम या जीएनएम की नियुक्ति की गई है। सुबह 8 बजे से 10 बजे तक और शाम में 6 बजे से रात 8 बजे तक मरीजों का इलाज करने की व्यवस्था है। लेकिन इसको चलाने के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।
क्लीनिक सुबह में कब खुलेगा इसकी गारंटी नहीं। पर शाम को बंद रहेगा यह तय है। ऐसे में रोजाना कई मरीजों को मायूस लौटना पड़ रहा है। दैनिक भास्कर की टीम ने 30 नवंबर को 6 अटल क्लीनिक की व्यवस्था की पड़ताल की। इसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि कई क्लीनिक में डॉक्टर पहुंच ही नहीं रहे हैं। जीएनएम-एएनएम मरीजों का इलाज कर रही हैं। हैरत की बात है कि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नहीं है। उनके अनुसार ऑल इज वेल है।
डायबिटीज-बीपी जांच शिविर
अटल क्लीनिक में 28 से 30 नवंबर तक डायबिटीज और ब्लड-प्रेशर की जांच के लिए विशेष जांच शिविर चलाई जा रही है। इसके तहत सुबह 10 बजे से दिन के 3 बजे तक क्लीनिक को खुला रखना था। इसके बावजूद कई क्लीनिक बंद रहे।
इलाज का समय...सुबह 8 से 10 बजे और शाम में 6 से 8 बजे खुलता है क्लीनिक
तिरिल बस्ती... क्लीनिक 10 दिनों से बंद

तिरिल तालाब के पास क्लिनिक में प्रतिदिन 20-25 मरीजों का इलाज हाेता था। लेकिन पिछले 10 दिनाें से बंद है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां तैनात डॉक्टर महिला मरीजों के साथ छेड़छाड़ करता था। जिसके बाद लाेगाें ने डॉक्टर को पीट दिया। इसके बाद से ना ताे डॉक्टर आए और न ही सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से दूसरे डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की गई।
टीवी टावर... खुलने का समय निर्धारित नहीं

क्लीनिक सुबह 10.15 बजे खुला। एक एएनएम पहुंची, पर10.40 बजे तक डॉक्टर नहीं पहुंचे। जीएनएम ने कहा कि न क्लीनिक राेज समय पर खुलता है। मगर तीन दिवसीय अभियान के कारण लेट हो गया। राेजाना 10-15 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों ने बताया कि क्लीनिक के खुलने का काेई समय नहीं है। शाम काे कभी खुलता ही नहीं।
कर्बला चौक... डॉक्टर नहीं आते एएनएम ही संभालती है क्लीनिक

वार्ड पार्षद कार्यालय में संचालित अटल क्लीनिक जीएनएम प्रीता के भरोसे इलाज चल रहा है। यहां कोरोना से पहले हर दिन 35-40 मरीज आते थे, मगर अब सुबह-शाम मिलाकर 20-25 लोग ही पहुंच रहे हैं। यहां प्रतिनियुक्त डॉक्टर पिछले 20-25 दिनों से नहीं आए हैं। फिलहाल यहां खांसी की दवा खत्म हो गई है।
लाेअर वर्दमान कंपाउंड... डॉक्टर और स्टाफ तय समय पर आते हैं

धोबीघाट स्थित सामुदायिक भवन में चल रहे क्लीनिक में डॉक्टर प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। एक डॉक्टर व एक जीएनएम की टीम मरीजों का इलाज करती मिली। क्लीनिक में बैठने वाले डा. शंकर रंजन ने बताया कि लॉकडाउन के बाद क्लीनिक पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। प्रतिदिन औसतन 40-45 मरीज प्रतिदिन आते थे, लेकिन अब 30-35 हैं।
खादगढ़ बस स्टैंड...शाम को नहीं आते डॉक्टर
सुबह 9.00 बजे से पहले ही यहां प्रतिनियुक्त डॉ. एन सांगा पहुंच गए। मरीज भी आए। उसको एएनएम ने दवा दी। यहां शाम को डॉक्टर नहीं आते। एएनएम ही मरीजों की दवा देती है। डॉक्टर ने बताया कि शाम में बसें क्लीनिक आने वाले रास्ते में ऐसी खड़ी कर दी जाती हैं, इससे उनकी कार वहां आ ही नहीं पाती। रिटायर्ड हैं, पैदल चलना मुश्किल है।
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