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लोडिंग के साथ तय सरकारी दर 173.60 रुपए प्रति घन मीटर रेत देने की मांग को लेकर पिछले महीने 23 दिसम्बर से हड़ताल पर गए ट्रांसपोर्टरों ने शनिवार से रेत ढुलाई शुरु कर दी है। ट्रांसपोर्टर्स व रेत खदान ठेकेदार के कर्मचारियों के बीच अभिवहन पास पर बिना लोडिंग के 400 रुपए ट्रैक्टर यानी तीन घन मीटर रेत देने पर सहमति बनी। जबकि तय सरकारी दर के हिसाब से लोडिंग के साथ तीन घन मीटर रेत के 520.80 रुपए ही होते हैं। ट्रैक्टर चालकों को तीन घन मीटर रेत के लिए ठेकेदार को 400 रुपए के अलावा रेत लोडिंग के लिए मजदूरों को 200 रुपए अलग से देने होंगे। इस तरह ट्रांसपोर्टरों को खदान से प्रति घन मीटर रेत 200 रुपए में मिलेगा।
रेत खदान ठेकेदार के दंबगई से परेशान थे ट्रांसपोर्टर्स: जिला मुख्यालय के सुपनार स्थित रेत खदान की लीज राकेश साहू के नाम पर है। ठेकेदार के कर्मचारी पिट पास पर बिना लोडिंग 600 रुपए में रेत ट्रांसपोर्टर्स को दे रहे थे। अभिवहन पास नहीं लेने पर प्रति ट्रैक्टर तीन घन मीटर रेत अवैध रुप से 400 रुपए में परिवहनकर्ताओं को दे रहे थे। ऐसा करने से हर महीने शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था। इधर ट्रांसपोर्टर्स ठेकेदार के कर्मचारियों की दंबगई और बिना अभिवहन पास के रेत ढुलाई करने पर माइनिंग विभाग की धरपकड़ की कार्रवाई से परेशान होकर काम बंद कर दिया था।
निर्माण कार्य चालूू होंगे
17 दिनों बाद नगर में रेत सप्लाई शुरु होने पर उन लोगों ने राहत की सांस ली है जिनके निर्माण कार्य रेत के बगैर ठप हो गए थे। शनिवार सुबह रेत खदान पहुंचे ट्रंासपोर्टरों ने बताया कि उनके हड़ताल पर चले जाने से नगर व उसके आसपास निजी व शासकीय निर्माण कार्य ठप हो गए थे या उनकी गति धीमी हो गई थी। ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि पहले उन्हें अभिवहन पास के साथ 800 रुपए ट्रैक्टर यानी तीन घन मीटर रेत मिलता था। अब लोगों को कम कीमत पर रेत देंगे।
ट्रांसपोर्टर्स की शिकायत पर जांच की फाइल कलेक्टाेरेट में अटकी
काम बंद करने से एक दिन पहले 22 दिसम्बर को ट्रंासपोर्टरों ने सुपनार रेत खदान ठेकेदार द्वारा वाहनों में रेत लोडिंग किए बिना तय सरकारी दर 173.60 रुपए प्रति घन मीटर से लगभग दोगुनी कीमत वसूले जाने की लिखित शिकायत कलेक्टर विनीत नंदनवार से की थी। शिकायत के सप्ताह भर बाद दंतेवाड़ा से आए जिले के प्रभारी माइनिंग अफसर योगेंद्र सिंह मामले की जांच के लिए रेत खदान पहुंचे और ट्रांसपोर्टरों को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए। रेत खदान के निरीक्षण में पाया की ठेकेदार द्वारा बिना सीमा स्तंभ लगाए ही सुपनार शबरी नदी तट पर मनमानी तरीके से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार को सिर्फ 5 हेक्टेयर जमीन ही रेत उत्खनन के लिए शासन ने लीज पर दी है। माइनिंग अफसर ने जांच में ट्रांसपोर्टरों की शिकायत सहीं पाई और बुधवार को ही जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपने की बात कही। पिछले 17 दिनों से रेत खदान ठेकेदार व ट्रांसपोर्टरों केे बीच जारी गतिरोध खत्म करने जिला प्रशासन की तरफ से न तो किसी तरह का प्रयास किया गया और न ही जांच रिपोर्ट पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई हुई।
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