कांग्रेस शासन काल में पूर्व प्रभारी मंत्री इमरती देवी के निशाने पर आए सीएमओ संजय श्रीवास्तव को 2 माह बाद बहाल कर दिया गया है। कोविड 19 की रोकथाम में उनकी उपयोगिता को लेकर कलेक्टर एस विश्वनाथन ने बहाल कर दिया है। क्योंकि एक माह से नगर पालिका में सीएमओ न होने से डिप्टी कलेक्टर प्रभार देख रहे थे। इस कारण कार्य में गति नहीं आ पा रही थी। पहले डिप्टी कलेक्टर सोनम जैन का अतिरिक्त नपा सीएमओ का प्रभार दिया, लेकिन वह कोरोना संकट में भोजन व्यवस्था नहीं संभाल पाईं थीं।
इससे कलेक्टर ने उनसे अतिरिक्त प्रभार छीन लिया था। सीएमओ का पद खाली होने की वजह से डिप्टी कलेक्टर आरबी सिंडोसकर को प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने भोजन व्यवस्था संभाली, जहां कमी थी उन्हें दूर किया। लेकिन कलेक्ट्रोरेट की कई शाखाओं के प्रभार होने की वजह से काम प्रभावित हो रहे थे। इस कारण कलेक्टर ने सीएमओ को बहाल कर दिया है। ताकि कोविड 19 की रोकथाम में उनसे काम लिया जा सके।
पहले ही दिन सुबह 6 बजे सफाई देखने पहुंचे
2 माह बाद बहाल हुए सीएमओ संजय श्रीवास्तव ने सबसे पहले शहर की सफाई व्यवस्था देखी, उन्होंने उस रजिस्टर की जांच की, जिसमें अमले की ड्यूटी लगाई जाती है। सभी दारोगा से कॉल कर कहा कि सफाई व्यवस्था में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। अगर कोई कर्मचारी गायब रहे तो उसकी सूचना दें। इसके बाद वह सुबह 11 बजे से ही शहर की भोजन व्यवस्था देखने निकले। खाद्य सामग्री और भोजन पैकेट वितरण का रिकॉर्ड देखा और बोले कि अगर कोई शिकायत आती है तो मुझे तत्काल बताएं, ताकि उसका निराकरण किया जा सके।
सलूजा से रहा विवाद
सीएमओ संजय श्रीवास्तव एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सलूजा में लंबे समय तनातनी चलती रही। इस खींचतान की वजह से लंबे समय तक काम को लेकर दोनों के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया था। नगर पालिका की पूर्व परिषद का भी कार्यकाल एक साल बढ़ाया जाना है। अगर ऐसा होता है तो दोनों एक बार फिर नपा में साथ काम करेंगे।
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