महाराष्ट्र में फंसे मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों के मजदूरों का घर लौटना जारी है। प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने पर उन्हें रोका जा रहा है। शनिवार को भी सैकड़ों लोग सीमा पर पहुंचे। प्रशासन ने 450 को निवाली भेजकर शासकीय भवनों में रुकवाया। कई साइकिल सवारों को जाने दिया गया। लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद बिजासन स्थित प्रदेश की सीमा पर चहल-पहल बढ़ गई। शनिवार को भी दिनभर सैकड़ों मजदूर पैदल, साइकिल, बाइक आदि से सीमा पर पहुंचे। बिजासन मंदिर में रुकवाकर भोजन करवाया। एसडीएम घनश्याम धनगर शाम को अफसरों के साथ पहुंचे। इसके बाद वाहनों की व्यवस्था कर 450 को निवाली ले जाया गया। वहां तीन छात्रावासों में रुकवाया गया। शनिवार रात 9 बजे तक करीब सौ से अधिक मजदूर पहुंचे उन्हें मंदिर में रुकवाया।
महाराष्ट्र से चर्चा रही बेअसर
उधर, कई साइकिल सवार रुकने के लिए तैयार नहीं थे। उन्हें जाने दिया गया। महाराष्ट्र से लोगों को आने से रोकने के लिए एएसपी सुनीता रावत ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के अफसरों से चर्चा की थी लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ।
साइकिल खरीदी और निकल पड़े 650 किमी दूर अपने घर
उत्तर प्रदेश निवासी लवकुशसिंह पिता राधेश्यामसिंह ने बताया 10 साइकिल पर 19 लोग नासिक से 650 किमी दूर इलाहाबाद जा रहे हैं। बिजासन तक पहुंचने में 3 दिन लगे। मार्कंडेय कुमार ने बताया मुंबई से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जाने के लिए साधन नहीं मिला तो साइकिल खरीद ली। 400 किमी का सफर 5 दिन में तय किया। मुंबई में काम नहीं है। खाने-पीने की समस्या होने लगी ऐसी स्थिति में क्या करते। मजदूरों का कहना है, हम पहले से परेशान हैं और हमें यहां रोका गया।
पुलिस को लोग दे रहे चकमा
जांच चौकी पर खाली वाहनों को नहीं रोका जाता। इससे मजदूरों ने तरकीब निकाली। वे जांच चौकी के पहले ही वाहन से उतर जाते हैं। पहाड़ी रास्ते से होते हुए जांच चौकी पार कर लेते हैं। आगे पहुंचकर फिर से बैठकर निकल जाते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2zyQfo9
No comments:
Post a Comment