(अमित शर्मा)शहर और आसपास के एरिया में पंचकूला पुलिस ने 57 पुलिस नाकों को लगाया हुआ है, ताकि लॉक डाउन बरकरार रहे और कोई भी घरों से बाहर न निकले। लेकिन उसके बाद भी ऐसे लोग हैं, जो लाॅक डाउन का मतलब नहीं समझते, वे अपनी गाड़ी, टू व्हीलर को उठाकर घर से बाहर निकल रहे हैं।
ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है, क्योंकि लॉक डाउन के दौरान पंचकूला पुलिस ने उतना रेवेन्यू जमा किया है, जितना छह महीने में होता था। पुलिस कमिश्नरेट में लाॅक डाउन के दौरान सवा करोड़ रुपए के करीब जुर्माना वसूला गया है। वहीं 4500 के करीब वाहनों का चालान किया गया है।
वाहन जब्त होने पर बढ़ जाएगी समस्या
सबसे बड़ी बात यह है कि जिन वाहनों को इंपाउंड किया गया है। उन्हें कब छोड़ा जाएगा या अगर आपने मौके पर चालान को नहीं भुगता है, तो लाइसेंस या आरसी लेने के लिए लॉक डाउन के खुलने तक का इंतजार करना होगा, जिसमें तीन से चार माह तक का समय लग सकता है, क्योंकि चालानिंग ब्रांच पूरी तरह से वर्किंग में नहीं है। ऐसे में सिर्फ चालान ही नहीं कटेगा बल्कि आपको अपने वाहन जब्त हुए वाहन से कई महीनों तक दूर रहना पड़ सकता है।
सभी नाकों पर एक कर्मी को चालान बुक दी गई
असल में अभी तक 180 गाड़ियों को इंपाउंड किया गया है। जिसमें टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर शामिल हैं। इसमें ज्यादातर लोग वो हैं, जो बिना कारण ही मार्केट या रोड पर आए हुए थे। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ा और उनकी गाड़ियों को इंपाउंड कर दिया। इनमें कुछ ऐसे भी लोग थे, जिनके पास लाइसेंस या गाड़ी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स नहीं थे। इसके अलावा 4500 के करीब गाड़ियों के चालान किए गए हैं। इन चालान को करने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ सभी नाकों पर एक कर्मी को चालान बुक दी गई है।
ट्रैफिक पुलिस हाइवे पर ही चेकिंग कर रही है। जबकि शहर में आईआरबी, थाना पुलिस, होमगार्ड के जवानों को लगाया गया है। पुलिस ने अभी तक एक करोड़ 15 लाख रुपए के करीब का आंकड़ा छू लिया है। इस तरह से लॉक डाउन में अगले कुछ दिनों में ये अमाउंट बढ़ती रहेगी। सूत्रों के अनुसार जिस हिसाब से पुलिस ने इस बार रेवेन्यू जमा किया है, ये अमाउंट छह महीने के समय में क्रॉस होती थी। इस दौरान 731 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
माफीनामा: दोबारा घर से बाहर नहीं आऊंगा
सभी थाना एरिया में घूमते हुए मिलने वाले लोगों से माफी भी मंगवाई जा रही है। पंचकूला पुलिस के पास ऐसे ही 300 के करीब लोगों के माफी नामे जमा हैं। जिन्हें सड़क पर बिना परमिशन के घूमते हुए पकड़ा गया है। जिसके बाद इनसे सबक के तौर पर माफी नामा लिखने के लिए कहा जा रहा है। इन्हें पहले तो कैदियों की गाड़ी में लाया जाता है, उसके बाद कुछ समय तक पुलिस थाने में ही रोककर इन्हें फिर छोड़ा जाता है। ऐसे में माफी नामा सबसे जरूरी होता है, जिसमें कहा जाता है, कि दोबारा घर से बाहर नहीं आऊंगा। अगर ऐसा किया, तो मुझ पर कार्रवाई की जाए।
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