कलिगांव में सब्जी विक्रेताओं व ग्रामीणों की रजामंदी से लगने वाले साप्ताहिक हाट में निर्धारित मूल्य पर सब्जी बेची जाती है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि पूरे साल गांव में सब्जी बेचने के काम करते हैं। उसी आमदनी से परिवार का जीविकोपार्जन होता है। महामारी के समय में अधिक मुनाफा कमाने के बदले सेवा भाव से काम करना चाहिए। इतना ही नहीं हाट में सरपंच मनोज कुमार झा के नेतृत्व में कई ग्रामीण साग-सब्जियों के मूल्य पर नजर रख रहे हैं। जिस दिन हाट लगता है उस दौरान सरपंच मुस्तैद रहते हैं। हाट में घूम घूमकर सब्जी खरीदने वालों से पूछते रहते हैं कि किस भाव में आपने सब्जी खरीदी अगर कोई सब्जी विक्रेता तय मूल्य से अधिक लेता हुआ मिलता है तो उसे दंड के रुप में उतनी ही सब्जी ग्राहकों को मुफ्त देनी पड़ती है। इसके चलते सब्जी विक्रेता भी मनमाना मूल्य नहीं ले रहे हैं। आलम यह है कि कलिगांव हाट में सस्ती सब्जियां खरीदने अब लोग दूर-दूर से हाट पहुंच रहे हैं।
मुखिया व ग्रामीणों ने की सरपंच के पहल की सराहना
सरपंच ने बताया कि हाट लगने वाली जगह का विस्तार करते हुए बगल के स्कूल परिसर तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सब्जियों की दुकानें लगाई जा रही हैं। ग्रामीणों के साथ सरपंच की इस पहल की प्रशंसा करते हुए मुखिया अनिता देवी,सुनील झा,प्रो विपिन झा,जयप्रकाश झा,सरोज झा,बौआ झा आदि का कहना है कि लॉकडाउन के कारण आर्थिक स्थिति खस्ता है। ऐसे में सब्जियों की कीमत में स्थिरता रखना सराहनीय है।
सब्जी और फलों के आवक में 40 से 50 प्रतिशत की कमी आई है
सब्जी विक्रेता अचल प्रसाद, केवल प्रसाद, लालबहादुर प्रसाद, नंदेश्वर प्रसाद, उमेश साह, पुलकित साह, छेदी साह, मनोज सहनी, रंजीत प्रसाद, रविन्द्र कुमार आदि ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में सब्जियों के साथ साथ फलों के आवक में 40 से 50 प्रतिशत की कमी आई है। अधिकतर व्यापारी खुद से सरबदीपुर व समस्तीपुर की ओर से थोक में सब्जियां लाकर हाट बाजारों में बेच रहे हैं। जबकि कुछ किसान अपने खेत में उगी हुई सब्जियां हाट में बेचते हैं। वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध रहने के कारण प्रखंड स्तरीय मार्केट तक अन्य राज्यों से आवक हो रही फल व सब्जियां अपेक्षित मात्रा में नहीं पहुंच रही हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VCrRue
No comments:
Post a Comment