(संजीव रामपाल)पंचकूला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने फीस व अदर चार्जेज न मिलने पर टीचर्स सहित अन्य स्टाफ को सैलरी देने में असमर्थता जताई है। हरियाणा गवर्नमेंट से सभी पेरेंट्स को रेगुलर फीस जमा कराने और सभी 12 महीनों की फीस देने के निर्देश जारी करने का एसोसिएशन ने आग्रह किया है। हरियाणा गवर्नमेंट ने 23 अप्रैल को सभी प्राइवेट स्कूलों को लेटर जारी कर पेरेंट्स पर फीस लेने के लिए दबाव न डालने के निर्देश दिए थे। इन आदेश में कहा गया था कि जो पेरेंट्स अपनी मर्जी से फीस देना चाहते हैं, उनसे ही फीस ली जाए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि केवल 10 परसेंट पेरेंट्स ही स्वैच्छिक ताैर पर फीस जमा कराने के लिए आए हैं जिससे स्कूल चला पाना और पूरे स्टाफ को सैलरी दे पाना मुश्किल है।
एसोसिएशन की तरफ से अध्यक्ष नीरा एम सिंह ने पंचकूला-हरियाणा में सेकेंडरी एजुकेशन के डायरेक्टर जनरल को लेटर लिखा है। लेटर में कहा कि सरकार के इन निर्देशों के बाद ज्यादातर पेरेंट्स फीस देने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे पेरेंट्स जोकि फीस देने में समर्थ हैं, वह भी फीस नहीं दे रहे हैं।
एसोसिएशन की ओर से सेकेंडरी एजुकेशन के डायरेक्टर जनरल को लेटर में लिखा गया है कि अगर 3 मई से ज्यादा लॉक डाउन बढ़ता है तो 50 परसेंट टीचिंग स्टाफ को स्कूल आने की इजाजत दी जाए। इससे स्कूल में हाई स्पीड वाई-फाई व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण ऑनलाइन क्लासें बेहतर ढंग से लगाने में मदद मिलेगी। इससे ज्यादा क्लासें बेहतर ढंग से लग सकेंगी। एडमिन स्टाफ मंथली सैलरी की कैलकुलेशन और इसे तैयार कर सकेगा और पेरेंट्स से टेलीफोन पर संपर्क कर अपनी समस्या बता सकेंगे।
डायरेक्टर जनरल के फीस लेने से संबंधित दिशा-निर्देश
- सेकेण्डरी एजुकेशन के डायरेक्टर जनरल की ओर से 23 अप्रैल को जारी लेटर में फीस लेने से संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए थे। दिशा निर्देशों के उल्लंघन पर हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के रूल 158 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
- प्राइवेट स्कूल केवल मंथली ट्यूशन फीस ही ले। अन्य फंड जैसे कि बिल्डिंग फंड, मेंटेनेंस फंड, एडमिशन चार्जेज, कम्प्यूटर फीस आदि न लिए जाएं।
- मंथली फीस में किसी तरह की बढ़ोतरी न की जाए।
- प्राइवेट स्कूल मंथली फीस में किसी भी तरह के हिडन चार्जेज न जोड़ें।
- किसी भी स्टूडेंट्स या पेरेंट्स से ट्रांसपोर्ट चार्जेज न लिए जाएं।
- स्कूल इस साल यूनिफॉर्म में कोई बदलाव न करें।
- प्राइवेट स्कूल इस साल बुक्स, एक्सरसाइज बुक, प्रेक्टिकल फाइल में बदलाव न करें।
- फीस न देने के कारण किसी स्टूडेंट्स का नाम न काटा जाए और ऑनलाइन एजुकेशन से वंचित न रखा जाए।
लोन लेकर टीचर्स की सैलरी देने को तैयार हैं स्कूल
प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि ट्यूशन फीस से केवल टीचिंग स्टाफ को सैलरी दी जाती है जबकि अदर चार्जेस से स्कूल के अन्य खर्चे चलते हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से स्पष्ट करने को कहा है कि जो लोग लॉकडाउन के दौरान फीस दे पाने में असमर्थ हैं, उन्हें स्कूल खुलने के बाद यह फीस देनी होगी। अगर स्कूल चाहे तो आपसी सहमति से यह बकाया फीस आसान किश्तों में पेरेंट्स से ली जा सकती है। ऐसे में स्कूल लोन लेकर टीचर्स को सैलरी देने के लिए तैयार हैं क्योंकि उन्हें यह रकम स्कूल खुलने के बाद मंथली किस्तोंमें पेरेंट्स से मिल जाएगी।
वर्ना टीचर्स की सैलरी रूकने से ऑनलाइन टीचिंग प्रभावित होगी। लेटर में कहा गया है कि बसों की फीस केवल डीजल खर्च के लिए ही नहीं ली जाती है। इसमें बैंकों की किश्तें, स्टेट परमिट, इंश्योरेंस, टैक्स, सीसीटीवी और जीपीआरएस के मंथली खर्चे, ड्राइवर और कंडक्टर के खर्चे भी शामिल होते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eV8gx2
No comments:
Post a Comment