ईद का मतलब ही होता है खुशी। एक माह तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रख ईद का त्योहार मनाते है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण ईद की खुशियां छीन गई। ईद में गुलजार रहने वाले बाजारों में सन्नाटा पसरा है। बाजारों में चहल कदमी गायब है। लोग ईद में एक दुसरे के साथ खुशी नहीं बांट सकते है। घर पर नमाज अदा करने को मजबूर है।
खरसावां के जामिया मस्जिद व मस्जिद-ए-बिलाल कदमडीहा, गोढपुर के निजामुददीन मस्जिद और खरसावां के बेहरासाई मदिना मस्जिद में सिर्फ पेश इमाम, मोअज्जिन और मस्जिद की देखभाल करने वाले कुछ लोग नमाज पढ़ेंगे। 23 मई को चांद नहीं देखा जा सका। इसलिए अब 24 मई को चांद देखने के बाद 25 मई दिन सोमवार को ईद मनाई जाएगी। मतलब 30 दिनों से रोजा रख रहे रोजेदारों को ईद के लिए एक दिन और इंतजार करना होगा।
बाजार में नहीं दिखी चहल-पहल
करीब दो माह से जारी लाॅकडाउन के कारण रमजान के दौरान बाजार में रहने वाली चहल पहल भी गायब हो गई है। आम दिनों के मुकाबले जंहा रमजान के महीने में बाजारों में भीड और व्यापार ज्यादा होते है वही इस बार बाजार में बिल्कुल सन्नाटाछाया हुआ है। ईद के अवसर पर सुबह और शाम दोनो वक्त कपड़े, आभूषण, ड्राई फ्रूट, सेवई एवं इत्र की प्रत्येक छोटी बड़ी दुकानों पर भीड़ नजर आती थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के डर से खरीददार बाहार नही निकल रहे है। पहले बाजार में हर तरफ ईद की खरीदारी करते लोगों का बड़ा हसीन मंजर दिखा करता था।
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