बठिंडा के नेशनल फर्टिलाइजर (एनएफएल) कारखाने के नजदीक बहते बहमन रजवाहे में शुक्रवार सुबह पानी के ओवरफ्लो करने में नहरी विभाग के पेड़ टूटने के चलते इसके ब्लाक होने के नहरी विभाग के अधिकारियों के तर्क पूरी तरह बेमानी साबित हो गए हैं।
शनिवार को 24 घंटे बाद रजवाहा में पानी रुकने के बाद सारी स्थिति स्पष्ट हुई कि उसमें साइफन की पिछले कई सालों से डिसिल्टिंग नहीं होने से पानी का फ्लो पूरी तरह बाधित होने के बाद ओवरफ्लो होकर रेल ट्रैक पर से 24 घंटे बहता रहा।
नहरी विभाग के अधिकारियों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही तरीके से नहीं किए जाने के चलते पैदा हुई समस्या की वजह से आसपास के खेतों व जनमानस को नुकसान झेलना पड़ा, वहीं रेलवे यातायात भी करीब 12 घंटे तक बाधित रहा।
हालांकि जमीन के ट्रैक के समांतर समतल के होने से अधिक नुकसान नहीं हुआ।
शुक्रवार को बहमन रजवाहे में साइफन होने से सुबह 8 से 9 बजे के बीच पानी का रास्ता बाधित होने पर पानी रजवाहे में ओवरफ्लो होकर रेल ट्रैक पर से पूरी रात तक गुजरता रहा। जब पानी का बहाव रुका तो उक्त जगह की सारी असलियत खुलकर सामने आ गई।
नहरी विभाग के अधिकारियों के दावे के विपरीत साइफन में बेहद अधिक मात्रा में गार इकट्ठी होने से पानी की निकासी बंद हो गई तथा वह रजवाहे के ऊपर से रेल ट्रैक को पार कर करीब 24 घंटे ही बहता रहा। नहरी विभाग के अधिकारियों के दावे के विपरीत वहां के हालात देखकर ऐसा लग रहा था कि वहां कई सालों से डिसिल्टिंग ही नहीं की गई तथा काली गार इस बात की गवाही दे रही थी कि उसकी सफाई नहीं की गई जबकि नहरी विभाग के अधिकारियों ने दावा किया था कि उक्त साइफन व रजवाहा की सफाई नहरबंदी के दौरान करवाई गई है।
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