आरपीएफ कर्मी पवन कुमार की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। आरपीएफ ऑल इंडिया एसोसिएशन के सदस्यों ने इसकी शिकायत आला अफसरों से लेकर मंत्रियों तक ट्वीट की है।
उन्होंने मांग उठाई है कि मामले में अनदेखी करने वाले आरपीएफ कमांडर और अफसरों के खिलाफ हत्या का पर्चा दर्ज किया जाए।
इस मामले में नॉर्दर्न रेलवे के आरपीएफ अफसरों ने संज्ञान लेने के आदेश दिए हैं तो फिरोजपुर डिवीजन के सीनियर डीएसएफ ने अपना जवाब ट्वीट कर कहा कि मामले में पहले ही सख्त कार्रवाई की जा रही है।
अब अगली कार्रवाई रेलवे के डॉक्टर ओर जिला अस्पताल पर निर्भर है, जोकि कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने की बनती है। यह ट्वीट अब पूरे रेलवे में चर्चा का विषय है।
सीपी लुधियाना समेत पंजाब सरकार, सेहत मंत्री, आरपीएफ के आला अफसरों को भी शिकायत भेज कार्रवाई की मांग की गई है।
यह है मामला:
श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के दौरान सुरक्षा के लिए लुधियाना आरपीएफ के कमांडर ने दिल्ली से आरपीएसएफ 6 बटालियन की टुकड़ी लुधियाना बुलाई थी। बिना क्वारेंटाइन किए इनसे ड्यूटी ली जाने लगी, मगर कुल 53 जवान पॉजिटिव पाए गए।
आरोप है कि लुधियाना पोस्ट की बटालियन के कई बार आग्रह करने के बाद भी आरपीएफ के किसी अधिकारी ने इनको क्वारेंटाइन नहीं किया। आरपीएफ जवान की मौत भी अनदेखी का हिस्सा बताई जा रही है।
आरपीएफ कर्मी पवन की मौत संक्रमण से हुई है, मगर यह हत्या के समान है। कमांडर, अफसरों को कई बार बताया था कि दिल्ली से आई बटालियन कोरोना पॉजिटिव है। फिर भी एक्शन नहीं लिया गया। अगर समय रहते बटालियन और पोस्ट के कर्मियों को क्वारेंटाइन किया जाता तो शायद यह नौबत न आती।
-गुरदियाल सिंह, ऑल इंडिया आरपीएफ एसोसिएशन, फिरोजपुर मंडल
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