कोरोना ने जहां दुनिया की तस्वीर बदली। वहीं, लॉकडाउन में सूबे की सबसे बड़ी लुधियाना कचहरी में भी कमोबेश सन्नाटा पसरा रहा। औसतन 30-35 हजार लोगों के मूवमेंट वाले इस पब्लिक स्पॉट पर 31 मई के बाद ही पुरानी चहल-पहल नजर आ सकती है।
दरअसल हाईकोर्ट के फरमान मुताबिक लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही कोर्ट कॉम्प्लेक्स में लोगों की एंट्री पर लगा बैन 31 मई तक लागू रहेगा। फिलहाल तक बेल और स्टे ऑर्डर जैसे मामले भी ऑनलाइन दायर करने की ही इजाजत है। पाबंदी हटने के बाद कैसे सोशल डिस्टेंस के साथ सेफ माहौल रहे, जिला सेशन जज गुरबीर सिंह के अनुसार कमोबेश इसकी पूरी तैयारी है।
न्यायिक अधिकारियों से मीटिंग करने से लेकर जेल से ही बंदियों की पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बेहतर इंतजाम हैं। अदालतों के बाहर स्पीकर सिस्टम भी है। जजों के रीडर्स माइक से मुवक्किलों को क्रमवार बुलाएंगे। वहीं, उनके लिए अपने केसों का स्टेटस ऑनलाइन पता करने का सिस्टम भी पुख्ता है। जहां रोजाना ऑनलाइन तारीखें भी चढ़ा सकते हैं।
केस के जिमनी ऑर्डर ऑनलाइन देख सकेंगे मुवक्किल
सुविधा सेंटर भी हाईटेक हो चुका है। यहां केस फाइल करने के बाद मैसेज एसएमएस के जरिए पहुंच जाता है। इसके अलावा मुवक्किल कियोस्क मशीन का भी इस्तेमाल कर अपने केस के जिमनी ऑर्डर ऑनलाइन देख सकते हैं। सूबे की पहली आधुनिक ज्युडीशियल बिल्डिंग भी यहां बन चुकी है।
इसमें खासकर फैमिली डिस्प्यूट के मामलों में आने वाली महिलाओं के छोटे बच्चों के आराम के लिए सोशल डिस्टेंस के साथ विशेष प्रबंध रहेंगे। काबिलेजिक्र है कि जिला बार एसोसिएशन ने भी कोरोना काल में सबकी सुरक्षा के बारे में अहम सुझाव बार काउंसिल और हाईकोर्ट को भेजे थे। इन पर हाईकोर्ट की कमेटी ने फैसला लेना है।
पैरों से चलने वाली 2 सेनेटाइजर मशीनें लगाईं
बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट राजिंदर सिंह बब्बर के अनुसार, पैरों से चलने वाली दो सेनेटाइजर मशीनें भी कोर्ट कॉम्प्लेक्स के अंदर लगवा दी हैं। बार काउंसिल के मेंबर हरीश राय ढांडा के मुताबिक कोरोना से बचाव को अदालत परिसर से लेकर वकीलों के चैंबरों तक प्रबंध कराने में काउंसिल भी हरसंभव मदद करेगी।
चेंबरों से लेकर अदालत परिसर तक सेनेटाइजेशन की कमान संभाल रहे बार एसोसिएशन के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट हरजोत हरिके का दावा है कि यह मुहिम बाद में भी जारी रखेंगे। बार एसोसिएशन के पूर्व जिला प्रधान परोपकार सिंह घुम्मन भी कोरोना से बचाव को वर्क स्टाइल में बदलाव के लिए वकीलों को जागरूक करेंगे।
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