(सर्वेश कुमार गौतम)मंगलवार को दोपहर साढ़े 12 बजे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया। रिजल्ट जारी होने के साथ ही छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे। वहीं कुछ छात्रों के चेहरे परीक्षा परिणाम देखने के बाद लटक गए। इस बार भी जिले का रिजल्ट बेहतर रहा है। हालांकि बीते वर्ष की तुलना में नवादा जिला का रिजल्ट सही नहीं रहा। पिछले दो वर्ष से नवादा जिला के छात्र बिहार में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। लेकिन इस वर्ष बिहार के टाॅप 10 में नवादा जिला का एक भी स्टूडेंट जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाया। हालांकि यह संयोग भी है कि नवादा जिला में लगातार दो वर्ष रिजल्ट बेहतर आ रहा है तो दो वर्ष प्रदर्शन आशानुरूप नहीं हो रहा है। 2018 में भी दो वर्षों के बाद जिले का रिजल्ट बेहतर रहा था। हालांकि जिला टॉपर रही सिद्धि कुमारी महज एक अंक से प्रदेश के टॉप टेन में स्थान बनाने से चूक गई। सिद्धि ने 470 अंक प्राप्त किए हैं।
शिक्षकों के हड़ताल व लॉकडाउन के बाद भी रिजल्ट में नहीं हुई देरी
जिस दिन मैट्रिक की परीक्षा शुरू हुई उसी दिन से वेतनमान को लेकर शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल भी शुरू हो गई्र। लेकिन इसके बावजूद बिहार बोर्ड ने निर्धारित समय के अनुसार न केवल परीक्षा सम्पन्न कराया बल्कि जिले में निर्धारित तिथि से पूर्व काॅपी जांच भी करा लिया। हालांकि लॉकडाउन की वजह से रिजल्ट घोषणा होने में कुछ देरी हुई,लेकिन इस देरी की वजह से किसी छात्रों को नुकसान नहीं हुआ है। इस बार बोर्ड परीक्षा में जिले के 28 परीक्षा केन्द्रों पर 37 हजार 162 विद्यार्थियों में से 36 हजार 576 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
स्कूल के भरोसे नहीं रही सिद्धि ,घर पर नियमित रूप से की 5 घंटे तक पढ़ाई
जिले की टॉपर छात्रा सिद्धि कुमारी 470 अंक प्राप्त की है। वह रजौली के प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय की छात्रा है। माहुरी टोला रजौली निवासी पेशे से पशुचारा विक्रेता जय प्रकाश प्रसाद एवं गृहिणी रिंकू देवी की पुत्री सिद्धि की इस सफलता पर प्रखण्ड के लोगों में काफी खुशी व्याप्त है। सिद्धि ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार एवं गुरुजनों को देते हुए कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा आईआईटी इंजीनियर बनने की है। उसने बताया कि सिर्फ स्कूल एवं कोचिंग के भरोसे नहीं रही। स्कूल रहे या न रहे। घर में नियमित रूप से 5 घंटे पढ़ाई की। उसने कहा कि परीक्षा काफी अच्छा गया था जो उम्मीद थी वेसा ही रिजल्ट हुआ है। थोड़ा सा दुख है कि 2-4 अंकों का और साॅल्व कर देता तो बिहार में स्थान होता। टॉपर की इस सफलता पर प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय के के प्रभारी प्राचार्य सुबोध कुमार ,कोचिंग सेंटर के शिक्षक अमरेश कुमार सिंह आदि ने खुशी जताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
टाॅप लिस्ट की सूची में हैट्रिक बनाने से चूके जिले के छात्र
पिछले दो वर्ष मैट्रिक के रिजल्ट में नवादा की दमदार उपस्थिति रही है। नवादा जिले के छात्र वर्ष 2018 में भी बिहार के सेकेंड टॉपर थे और 2019 में भी नवादा के ही सेकेंड टॉपर रहे। इस बार भी रिजल्ट बेहतर ही रहा लेकिन स्टेट टॉपर में जिले में स्थान बनाने में जिले के छात्र सफल नहीं रहे।
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