राज्य सरकार स्थानीय उद्योगों व व्यापारियों को बढ़ावा देने के लिए उनके उत्पादों को खरीदने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए प्रदेश के सभी विभागों को सीएसआईडीसी के माध्यम से रेट कांट्रेक्ट तय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा खरीदे जाने वाली सभी सामानों की सूची उद्योग विभाग या सीएसआईडीसी को उपलब्ध करा दें। पिछले महीने सीएम भूपेश बघेल के बिलासपुर दौरे में व्यापारियों ने यह मांग की थी। व्यापारियों का कहना था कि सीएसआईडीसी ने रेट तय न होने से यहां के वितरक दूसरे राज्यों के उत्पादों को बेच रहे हैं। इससे छत्तीसगढ़ को जीएसटी के नुकसान के साथ-साथ यहां के छाेटे उद्योगों को भी नुकसान हो रहा था। छत्तीसगढ़ के ही उद्योंगों से खरीदी होने पर सरकार को टैक्स के रूप में बड़ा राजस्व मिलेगा। इसे देखते हुए सीएम ने उद्योग विभाग को निर्देशित किया था कि राज्य के लघु उद्योगों द्वारा उत्पादित
सामग्रियों के लिए सीएसआईडीसी के माध्यम से रेट कांट्रेक्ट निर्धारित करें। दरअसल अभी भी राज्य के कई विभागों द्वारा नियमित रूप से क्रय की जाने वाली विभिन्न सामग्रियों का ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन वस्तुओं का राज्य में निर्माण नहीं होता है तथा विभागों द्वारा उनका नियमित क्रय किया जाता है।
उन सभी वस्तुओं की आपूर्ति राज्य में निर्माता कंपनियों के अधिकृत वितरकों के माध्यम से ही की जाए, जिससे राज्य में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले और राज्य को जीएसटी की क्षति भी नहीं हो। सीएम के इस निर्देश के बाद उद्योग विभाग ने पूरे राज्य के लिए एक ब्लैंकेट आदेश जारी कर दिया कि राज्य के ही उत्पादकों या वितरकों से सामान खरीदी के लिए सीएसआईडीसी रेट कांट्रेक्ट करे।
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