जिले के पाकरटांड़ प्रखंड में संदिग्धों के कोरोना टेस्ट के लिए सैम्पल ले रहीं लैब टेक्नीशियन मेरी बडिंग बेहोश हो गईं। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। आनन-फानन उन्हें सदर अस्पताल लाया गया और ऑक्सीजन लगाते हुए इलाज शुरू किया गया। यह घटना शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे की है। सदर अस्पताल में मेरी बडिंग के इलाज में डॉ. सिल्वन्त और डॉ. साहू जुटे हैं। सिविल सर्जन डॉ. पीके सिन्हा लगातार लैब टेक्नीशियन की तबीयत पर नजर बनाए हुए हैं और इलाज कर रहे डॉक्टरों से जानकारी ले रहे हैं।
सिविल सर्जन ने रात आठ बजे कहा कि लैब टेक्नीशियन बडिंग अब पहले से बेहतर महसूस कर रहीं हैं। डॉक्टर सिन्हा ने कहा कि इलाज कर रहे डॉक्टर साहू ने बताया कि मरीज की हालत में सुधार हुआ है। हालांकि उन्हें सांस लेने में हुई दिक्कतों को देखते हुए उनके जरूरी टेस्ट कराए जा रहे हैं। कोविड अस्पताल बीरू के डॉक्टरों व प्रबंधन से भी संपर्क किया गया है।
जिले में बढ़ी तेज गर्मी में लंबे समय तक पीपीई किट पहनने के कारण हुआ डिहाइड्रेशन, सांस लेने में थी दिक्कत : डॉ. सिल्वंत
इलाज कर रहे डॉ. सिल्वन्त ने पीपीई किट पहन कर लगातार लंबे वक्त तक काम करने की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ने का अनुमान लगाते हुए कहा कि उन्हें डिहाइड्रेशन भी हुआ है। डॉक्टर ने कहा कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया, तब उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत थी।
मेरी का कुछ समय पहले टेस्ट रिपोर्ट आई थी निगेटिव
लैब टेक्नीशियन मेरी पहले दिन से ही कोरोना टेस्ट सैंपल लेने का कार्य कर रहीं हैं। उनका तथा टेस्ट लेने में लगे अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का कुछ समय पूर्व कोरोना टेस्ट कराया गया था जो कि निगेटिव आया था। सूत्रों के अनुसार सभी स्वास्थ्यकर्मियों को विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक सप्ताह में दो दिन कोरोना से बचाव की दवा खिलाई जाती है। अस्पताल के लोगों ने कहा कि मेरी को एक प्रतिबद्ध कोरोना वॉरियर हैं, वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगी।
कोरोना एक नजर में
कुल सैंपल 3847
सैंपल रिजेक्ट 40
निगेटिव 2043
पॉजिटिव 10
रिपोर्ट पेंडिंग 1754
डिस्चार्ज 2
क्वारेंटाइन 2409
होम क्वारेंटाइन 8882
भोजन समय से नहीं मिलने पर श्रमिकों ने किया हंगामा
प्रखण्ड के जोराम क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए प्रवासी मजदूरों ने समय पर भोजन नहीं मिलने पर हंगामा किया। मजदूरों से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि लगभग 15 से 20 प्रवासियों को भोजन नहीं मिल पाया। साथ ही सेंटर में समय से भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन बना रही महिलाओं ने बताया कि प्रतिदिन सेंटर में आने वाले मजदूरों की संख्या की जानकारी उन्हें समय पर नहीं मिलती। इस कारण बनाया गया भोजन घट गया था। हालांकि महिलाओं ने बताया कि बचे हुए सभी प्रवासियों को 4 बजे तक भोजन बनाकर उपलब्ध करा दिया गया।
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