सिविल अस्पताल के वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल में पिछले 10 दिनों से सीबीसी जांच की मशीन खराब है। जिस कारण मरीजों को निजी लैब व सिविल अस्पताल की ओपीडी में पहुंच कर जांच करानी पड़ रही है।
वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल में सीबीसी जांच मशीन खराब होने से सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को झेलनी पड़ रही है। लेकिन अस्पताल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
जबकि कर्मचारियों का कहना है कि इस संबंध में अस्पताल अधिकारियों को सूचना दे दी गई है और ठीक होने की उम्मीद है। उम्मीद जताई जा रही है कि अभी उक्त मशीन ठीक होने में कम से कम 3 दिन लगेंगे।
लैब में इन दिनों निशुल्क होने वाली सीबीसी जांच वाली मशीन खराब होने के कारण जरूरतमंद मरीजों के टेस्ट नहीं हो पा रहे है। यह जांच बाजार में 100 से 120 रुपए तक में की जाती है।
कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) मशीन में कई प्रकार के टेस्ट होते है। इस मशीन में प्लेटलेट्स, हीमोग्लोबीन, डीएलसी, टीएलसी आदि टेस्ट होते हैं। आजकल जिस तरह से मौसम खराब चल रहा है ऐसे में मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
इनमें अधिकतम बुखार आदि के मरीज शामिल रहते हैं। जिनका ब्लड टेस्ट होना अनिवार्य है। इसके अलावा वे मरीज भी अपना टेस्ट कराने पहुंचते हैं जिनका आप्रेशन होना होता है।
लोगों ने अस्पताल प्रशासन से मशीन को जल्द ही दुरुस्त व एक और अतिरिक्त मशीन लगाने की मांग की है। मरीजों को एचबी, टीएलसी, प्लेटलेट्स समेत अन्य टेस्ट नहीं हो पाए। रविवार को अवकाश होने के कारण सिविल अस्पताल की ओपीडी बंद थी, जिस कारण वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल में आने वाले मरीजों को सीबीसी टेस्ट के लिए निजी लैब से टेस्ट करवाना पड़ा, वहीं एमरजेंसी के लिए लैब में टेक्नीशियन भी तैनात था, लेकिन सिर्फ एमरजेंसी मरीजों का ही सैंपल लिया जा रहा था।
अस्पताल की ओपीडी में डाक्टरों द्वारा चेकअप करवाने आने वाले बीमार मरीजों को सीबीसी टेस्ट करवाने को जरूर कहा जा रहा है। लैब में रोजाना करीब 300 से अधिक महिलाएं व बीमार बच्चे इलाज के लिए पहुंचते हैं।
गायनी व शिशु रोग माहिर डाक्टरों द्वारा प्रतिदिन चेकअप के बाद करीब 100 से अधिक मरीजों को सीबीसी टेस्ट के लिए लिखा जाता है। लेकिन सीबीसी टेस्ट मशीन खराब होने से उक्त टैस्ट सुविधा बंद हो गई।
शनिवार को अस्पताल कि ओपीडी में सीमा रानी, गुरमीत कौर, सरोज आदि गर्भवती महिलाएं सुबह ही चेकअप व इलाज के लिए पहुंची और गायनी डाक्टर की इंतजार में लाईन में लगी रही और मुश्किल से डाक्टर तक पहुंची, डॉक्टर ब्लड करवाने के लिए कहा, जब ब्लड टैस्ट करवाने के लिए लैब पहुंची तो वहां मशीन ही नो वर्किंग में थी।
जिस कारण जांच तो हो नहीं सकता और मरीजों को निजी लैबोरेट्री की ओर रुख करना पड़ा। इससे एक तो मरीज का समय बर्बाद हो जाता है और साथ ही जांच के लिए अगले दिन का इंतजार भी करना पड़ता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36Py0Ho
No comments:
Post a Comment