कंप्यूटर अध्यापक कमेटी की प्रांतीय कमेटी ने 1 से 7 जून तक संघर्षशील सप्ताह घोषित किया है जिसमें कंप्यूटर अध्यापक अपने घर में बैठकर विभिन्न गतिविधियों से सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रदर्शन करेंगे। वहीं प्रांतीय कमेटी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा।
आंदोलन की शुरुआत करते हुए प्रदेश प्रधान परमवीर सिंह व बलजीत सिंह ने डीईओ पटियाला को शिक्षामंत्री विजयेंद्र सिंगला के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने कहा कि अध्यापक का काम अच्छे समाज का सृजन करना है, वो अपने प्रोफेशन के प्रति वफादारी से काम करने का प्रयास करता है, लेकिन सत्ता पर बैठे लोग उनके अधिकारों की अनदेखी करके उनका सामाजिक व आर्थिक शोषण करते हैं जिससे उन्हें मजबूरन संघर्ष के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कंप्यूटर अध्यापकों को 2011 में पिकटस के अधीन पूरे सीएसआर रूल्स में रेगुलर किया गया लेकिन सरकार अपने काम से पीछे हट रही है। जिला तरनतारन की नीतू के पारिवारिक सदस्य किडनी के मरीज हैं लेकिन उनके लिए इलाज का खर्च करना मुमकिन नहीं।
सरकार मेडिकल रीइंबर्समेंट दे देती है तो परिवार की आर्थिक मदद होगी। उन्होंने कहा कि वे अगर अपना अधिकार मांग रहे हैं। कोरोना संकट काट में कंप्यूटर अध्यापकों की ड्यूटियां बिना किसी सुविधा लगाई जा रही हैं जबकि कंप्यूटर अध्यापकों का 50 लाख का बीमा, तरस के आधार पर नौकरी व मेडिकल रीइंबर्समेंट लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि अपनी लंबित मांगों की पूर्ति के लिए उन्होंने पंजाब के तमाम कंप्यूटर अध्यापकों व सहयोगी संगठनों से सहयोग की अपील की है। इस दौरान रविंदर सिंह, उधम सिंह, मनमोहन सिंह, मनप्रीत सिंह, तनुज कुमार आदि उपस्थित रहे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2As7qIg
No comments:
Post a Comment