लॉक डाउन में काम खो चुके मजदूरों के लिए सरकार रोजगार के अवसर दे रही है। इस क्रम में सरकार में मनरेगा के तहत कार्य कराना शुरू कर दिया है। जिले के कई प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत कार्य दिए गए हैं। जिनकी मदद से वह अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकते हैं। इस संबंध में डीडीसी अरविंद कुमार ने बताया कि सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना फिर से शुरू कर दिया है। महात्मा गांधी नरेगा से जुड़कर मजदूर अपने गांव में ही रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत ग्रामीण परिवारों को वर्ष में 100 दिन रोजगार पाने का अधिकार दिया जाता है। अकुशल श्रम के सभी इच्छुक परिवारों को जॉब कार्ड पाने का अधिकार है। बड़ी बात तो यह है कि अन्य राज्यों से लौट कर आए प्रवासी मजदूर भी महात्मा गांधी नरेगा से जुड़ सकते हैं। यदि उनके परिवार के पास जॉब कार्ड है, तो उसमें अपना नाम जुड़वा सकते हैं। यदि जॉब कार्ड नहीं है तो नया जॉब कार्ड बनवा सकते हैं।
जॉब कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया
डीसीसी ने बताया कि जॉब कार्ड बनवाने का आवेदन अपने ग्राम पंचायत से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन मौखिक भी किया जा सकता है। आवेदन के साथ परिवार के सभी व्यस्त सदस्यों का फोटोग्राफ, सभी सदस्यों के बैंक खाते का विवरण, आधार संख्या यदि उपलब्ध हो, तो ग्राम पंचायत में जमा करना होगा। आवेदन के 15 दिन के भीतर मजदूरों व कामगारों का जॉबकार्ड उपलब्ध करवा दिया जाएगा। वहीं, कार्य की मांग व्यक्ति या परिवार की तरफ से अपने ग्राम पंचायत में की जा सकती है। सारे कागजात व मौखिक रूप से आवेदन दिया जा सकता है। आवेदन में कार्य करने की इच्छुक व्यक्ति का नाम, जॉब कार्ड की संख्या, कार्य की अवधि, आवेदक की स्थिति आदि सूचनाएं उपलब्ध करानी होंगी। आवेदन करने के 15 दिन के भीतर आवेदक को कार्य उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
अपनी भूमि पर अपनी परिसंपत्ति का निर्माण कर सकते हैं मजदूर
महात्मा गांधी नरेगा के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति, घुमंतू जनजाति, बीपीएल परिवार, महिला प्रधान परिवार, दिव्यांग परिवार, भूमि सुधार के लाभार्थी, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभार्थी, अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पारंपरिक वनवासी अधिनियम के निजी स्वामित्व भूमि आवास की भूमि पर परिसंपत्ति निर्माण के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराए जा रहे है। इसके माध्यम से मजदूर फार्म पोखर बागवानी, पौधरोपण, पोल्ट्री शेल्टर, बकरी शेल्टर, मवेशी शेल्टर, वर्मी कंपोस्ट, कंपोस्टिंग, मेड बंद, भूमि विकास उपबंध, सिंचाई सुविधा तथा पशु पूरक आहार अजोला की खेती कर सकते हैं। इसके लिए यह आवश्यक है कि ऐसे परिवार का कम से कम कोई एक सदस्य निजी भूमि आवास भूमि पर मनरेगा अंतर्गत कार्य करें।
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