रविंद्र मिश्रा, गुमला जिले में खेती किसानी के लिए जून और जुलाई माह की बारिश काफी अहम मानी जाती है। जंगल पहाड़ों के बीच बसे इस जिले में मानसून प्रायः सामान्य रहता है। सावन में झमाझम बारिश यहां के प्राकृतिक छटा निखारने के साथ किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान बिखेरता है।
इस बार भी सावन महीने में झमाझम बारिश तो हुई किंतु गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। गत 3 वर्षों में जुलाई माह में हुई वर्षा का आकलन करने पर यह पता चलता है कि इस वर्ष जुलाई माह में गत 3 वर्षों की तुलना में कम बरसात हुई है। हालांकि वर्तमान में कृषि विभाग द्वारा वर्षा से संबंधित जो आंकड़े जारी किए जा रहे हैं।
जिले के 12 प्रखंडों में से 3 प्रखंडों का आकलन नहीं
जिले के 12 प्रखंडों में से 3 प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र खराब होने के कारण वर्षा का आकलन नहीं किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के एसएमएस एग्रोमेट अभिजीत पंकज एक्का ने कृषि विभाग के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि जुलाई माह में 170 एमएम मीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
औसत बारिश 299 एमएम होनी चाहिए। जून माह में वर्षा का रिकॉर्ड 90 मिलीमीटर वर्षा का था। इस माह जून की तुलना में दुगना के करीब वर्षा पात दर्ज की गई है। जुलाई महीना में गत 3 वर्षों में हुई वर्षापात के आंकड़ों के अनुसार 2017 में 497, वर्ष 2018 में 346 तथा गत वर्ष 2019 में 211 मिली मीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
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