अश्विनी/आरिफ,लॉकडाउन के दौरान जिले में फंसे असम राज्य के 40 मजदूरों की घर वापसी को लेकर जब सरकार व स्थानीय प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली तो सभी मजदूर खुद से एक लाख 30 हजार रुपए में बस बुक कर अपने घरों की ओर रवाना हुए। घरों की ओर रवाना होने से पूर्व मजदूरों ने दैनिक भास्कर से अपनी पीड़ा को साझा किया। मजदूरों ने बताया कि हम मजदूर मजबूर है। हमारी बेबसी से किसी को कोई सरोकार नहीं है।
लॉकडाउन के बाद से यहां फंसे रहने के कारण आर्थिक स्थिति से जूझना पड़ा। सूचना के बावजूद कभी भी प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। अपने घर असम वापसी के लिए कई प्रयास किए। सीएम से लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगाई।सिर्फ आश्वासन मिलता रहा। इसके बाद मिशन बदलाव के सदस्यों से वापस भेजने की गुहार लगाई गई। मिशन बदलाव के सदस्यों ने भी सीएम व डीसी से हमारी पीड़ा बयान की गई। मगर हमें भेजने की बातें सिर्फ ट्विटर पर सिमट कर रह गई। इधर दिन बीतने के साथ हालात बदतर होने लगे।खाने पीने के लाले पड़ने लगे। जिसके बाद सभी ने स्वयं असम जाने का कदम उठाया।
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