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Wednesday, July 29, 2020

औसत से कम बारिश, 50% भी नहीं भरा कोसारटेडा

बस्तर जिले की इकलौती सिंचाई परियोजना कोसारटेडा में इस साल 50 फीसदी पानी भी नहीं भर पाया है। बारिश न होने का असर कोसारटेडा जलाशय पर भी दिखने लगा है। कम पानी होने से किसानों को इस साल पानी मिलेगा या नहीं, इस पर अब तक कोई भी तैयारी नहीं हो सकी है।
इसके साथ ही कोसारटेडा बांध से 24 गांवों में घर-घर पानी की सप्लाई पर भी इसका असर पड़ सकता है। दो साल पहले जहां कोसारटेडा बांध में 11.27 क्यूमेक पानी कम है। इन हालातों में जल संसाधन विभाग अब तक ये तय नहीं कर पाया है कि सिंचाई के लिए कितना पानी छोड़ा जाएगा। इन हालातों में इस साल किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बस्तर जिले में अब तक 525.2 मिमी बारिश ही हुई है, जबकि पिछले साल 29 जुलाई तक 753.3 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी थी। इन हालातों में कोसारटेडा बांध में अब तक 31.63 क्यूमेक पानी ही भर पाया है। जबकि बांध की क्षमता 63.700 क्यूमेक पानी की है। ऐसे में इस साल अब तक बांध 49.65 प्रतिशत ही भरा है।

5 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में सिंचाई का दावा कर रहा विभाग, कार्ययोजना ही नहीं बनी
हर साल कोसारटेडा बांध से इलाके के 5 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में सिंचाई की सुविधा का दावा जल संसाधन विभाग करता है, लेकिन अब तक जल संसाधन विभाग ने इस पर कोई भी योजना तैयार नहीं की है कि कितना पानी सिंचाई के लिए छोड़ जाना है। हालांकि पखवाड़ेभर पहले पानी खोला गया था, लेकिन नहर टूट जाने के बाद बंद कर दिया गया।

अच्छी बारिश की संभावना जता रहा मौसम विभाग: जल संसाधन विभाग के ईई केएस भंडारी ने बताया कि अभी बारिश का मौसम बचा हुआ है। औसत से अच्छी बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है, ऐसे में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मुहैया करवाया जाएगा।



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