जून में अच्छी बारिश के बाद भी जुलाई सूखा ही निकल रहा। सावन का महीना बीतने में कुछ दिन शेष है, लेकिन अभी तक वैसी झड़ी नहीं लगी जिसका लोगों का इंतजार है। जुलाई में अब तक सिर्फ 110 मिमी ही बारिश हुई है।
जबकि शहर में जुलाई की औसत बारिश का आंकड़ा 375 मिमी है। देखा जाए तो 28 दिनों बाद भी औसत से करीब 265 मिमी बारिश कम हुई है। पिछले साल अब तक 150 मिमी से अधिक वर्षा हो चुकी थी। इससे किसान चिंतित हैं और धान की रोपाई के लिए पर्याप्त पानी खेतों में नहीं मिल रहा है। मंगलवार को भी पूरे दिन बादल छाए रहे, लेकिन कुछ इलाकों में हल्की बारिश ही हुई। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में मजबूत सिस्टम नहीं बनने से ऐसी स्थिति बन रही है। अच्छी बारिश नहीं होने से धान की खेती को काफी नुकसान हो रहा है। नर्सरी तैयारी हो चुकी है, लेकिन खेत में पानी जमा नहीं होने से किसान बुआई का काम नहीं कर पा रहे हैं। किसानों के अनुसार बारिश नहीं हुई तो नर्सरी ज्यादा दिन की होने के बाद पैदावार पर असर पड़ेगा।
खाड़ी में नया सिस्टम बनने से बारिश के आसार
अंबिकापुर मौसम विज्ञान केंद्र के मेट्रोलॉजिस्ट एएम भट्ठ ने बताया है कि राजस्थान से झारखंड के डाल्टेनगंज तक मानसून टर्फ लाइन बनने के साथ खाड़ी में एक और सिस्टम बन रहा है। इससे बादल छा रहे हैं और इससे अगले दो तीन दिनों में बारिश होने के आसार हैं।
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