सीएम भूपेश बघेल ने गुरुवार शाम कर्मचारी नेताओं से चर्चा के बाद रोके गए इंक्रीमेंट को देने का आदेश दे दिया है। इसके मुताबिक इंक्रीमेंट जुलाई से ही मिलेगा, लेकिन जुलाई से दिसंबर तक का एरियर्स जनवरी -21 में दिया जाएगा। वहीं जिन्हें जनवरी में इक्रीमेंट मिलता उन्हें जुलाई -21 में एरियर्स मिलेगा। इससे राजकीय खजाने पर करीब 550 करोड़ रुपए सालाना खर्च आने की संभावना है। प्रदेश में हर साल जुलाई में बेसिक वेतन का तीन फीसदी इंक्रीमेंट दिया जाता है।
बता दें कि इससे पहले सरकार ने मई में कोरोना की वजह से बिगड़ी आर्थिक स्थिति को लेकर इस साल वेतनवृद्धि न देकर अगले साल दो वेतन वृद्धि देने का ऐलान किया था। तब से राज्य के कर्मचारी इसे गैरकानूनी बताते हुए भुगतान की मांग कर रहे थे। यूनियनों ने मांग न पूरा होने पर दस जुलाई से आंदोलन करने की भी चेतावनी दी थी। हालांकि इंक्रीमेंट को लेकर विभागीय चर्चा के दौरान वित्त विभाग ने कोई आपत्ति नहीं की थी। गुरुवार को इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम हाउस में वित्त विभाग के एसीएस अमिताभ जैन को बुलाया। देर शाम तक उनसे बातचीत चल रही थी। बताते हैं कि अधिकारियों-कर्मचारियों को हर साल बढ़ी तनख्वाह मिलती है। जुलाई में यह वेतनवृद्धि की जाती है। इस बार करीब तीन फीसदी इंक्रीमेंट होना है। इस तरह यदि किसी कर्मचारी का वेतन 30 हजार है तो उसे 900 रुपए का फायदा होगा। एंपलाई यूनियनों ने इस विषय को लेकर बुधवार को एसीएस जैन को मांग पत्र सौंपा था।गुरुवार को वे सीएम भूपेश बघेल से भी मिले। इसके बाद सीएम ने इसकी अनुमति दे दी।
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