रमना प्रखंड में कभी अनावृष्टि तो कभी अतिवृष्टि की मार दोनों ही स्थिति में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना महामारी में लॉक डाउन की मार झेल रहे किसान अब अतिवृष्टि की मार झेलने को मजबूर है। प्रखंड में गेहूं कटनी के बाद बड़े पैमाने पर किसान अपने खेत में मूंग, मक्का, हरी सब्जी, उरद आदि लगाया था, लेकिन अति वृष्टि के कारण प्रखंड के कई गांव में हजारों एकड़ खेत में मक्का की खड़ी फसल बाली पर सूख रही है।
मूंग तोड़ने के समय बर्बाद हो गए एवं हरी सब्जी के लतर सूख गए। इन फसलों से होने वाले आय किसानों के लिए वरदान था। यहीं आय अधिकांश किसानों को धान की रोपनी में काम आता था। साथ ही यहां से मक्का अपने ही जिले ही नहीं, बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ तक व्यापारी द्वारा ले जाया जाता था। पिछले साल भी धान कटनी के समय अधिक वर्षा के कारण दाना खेत में झड़ा एवं खलिहान में सड़ा।
गेहूं की बुवाई वर्षा के कारण समय से नहीं हो सकी थी। जो हुआ वह भी बर्बाद हुआ। दूसरी ओर मक्का हरी सब्जी की कीमत आसमान छू रहे हैं। जिसके कारण खरीद कर खाने वाले लोग भी महंगाई की मार झेल रहे हैं। इस संबंध में विधायक प्रतिनिधि पंकज सिंह एवं रामकवल परसवान ने प्रखंड सह अंचल पदाधिकारी यशवंत नायक से मिलकर और ज्ञापन देकर नुकसान का मुआयना कर क्षतिपूर्ति कराने की मांग किया गया है, ताकि धान की रोपनी कराई जा सके और किसानों के चेहरे पर खुशी लौटे सके।
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